नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के धेमाजी के सिलापाथर में आयोजित एक कार्यक्रम में तेल एवं गैस क्षेत्र सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्धाटन और शिलान्यास किया। यहां पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब वो यहां गोगामुख में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करने आए थे, तो उन्होंने कहा था कि नार्थईस्ट भारत की ग्रोथ का नया इंजिन बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज हम इस विश्वास को हमारी आंखों के सामने धरती पर उतरता देख रहे हैं। ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी। इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं। नॉर्थ ईस्ट में भरपूर सामथ्र्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां कि कनेक्टिविटी, अस्पताल, शिक्षण संस्थान, उद्योग पहले की सरकार की प्राथमिकता में नहीं थे।”
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भेदभाव को दूर किया है। आज असम को तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के एनर्जी और एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्च र प्रोजेक्ट्स का नया उपहार मिल रहा है। आत्मनिर्भर बनते भारत के लिए लगातार अपने सामर्थय, अपनी क्षमताओं में भी वृद्धि करना आवश्यक है। बीते वर्षों में हमने भारत में ही, रिफाइनिंग और इमरजेंसी के लिए ऑयल स्टोरेज कैपेसिटी को काफी ज्यादा बढ़ाया है।
पीएम मोदी ने कहा कि इन सारे प्रोजेक्ट्स से असम और नार्थ ईस्ट में लोगों का जीवन आसान होगा और नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जब किसी व्यक्ति को उसकी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। बढ़ता हुआ ये आत्मविश्वास क्षेत्र का भी और देश का भी विकास करता है। उन्होंने कहा, ”नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, वो भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई, डिब्रूगढ़ के मधुबन में ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म और तिनसुकिया के मकुम के हेबड़ा गांव में एक गैस कंप्रेशर स्टेशन को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन और सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा, ये परियोजनाएं ऊर्जा सुरक्षा और समृद्धि के युग की शुरूआत करेंगी और स्थानीय युवाओं के लिए अवसरों के रास्ते खोलेंगी।