नई दिल्ली । रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच रूस ने फिलहाल सीजफायर का एलान कर दिया है। इसकी अपील बार-बार भारत समेत दूसरे देश भी कर रहे थे। रूस ने कहा है कि वो यूक्रेन में फंसे लोगों को मानवीय आधार पर निकालने में मदद करेगा और कारिडोर बनाएगा। स्पूतनिक समाचार एजेंसी के हवाले से एएनआई ने बताया है कि रूस के रक्षा मंत्रालय स्थानीय समयानुसार सुबह करीब दस बजे रूस ने इस बारे में इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वो मारीपोल और वोलनोवाखा से वहां फंसे लोगों को निकालेगा। यहां पर उन बातों पर भी गौर करना जरूरी है जिसकी वजह से रूस को ये फैसला लेना पड़ा है।
1- भारत लगातार रूस पर इस बात को लेकर दबाव बना रहा था कि उसको तुरंत सीजफायर का एलान करना चाहिए। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से चर्चा भी की थी। रूस के प्रधानमंत्री से भारत ने दो टूक शब्दों में कहा था कि वो हमारे नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से बाहर निकालने में मदद करे। रूस ने भी कुछ दिन पहले ही इस बारे में सकारात्मक संकेत भी दिए थे।
3- यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी रूस के राष्ट्रपति के साथ आमने सामने बैठकर वार्ता करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने एक बयान में कहा कि वो राष्ट्रपति पुतिन के सामने बैठकर मुद्दों को हल करना चाहते हैं।
4- इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि यदि रूस इस मुद्दे पर बातचीत के जरिए कुछ हल निकालना चाहेगा तो वो भी वार्ता की मेज पर आने के लिए तैयार है। अमेरिका के विदेश मंत्री की तरफ से ये बयान दिया गया था।
5- आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों के लोग इस जंग के बीच खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। भारत के भी यूक्रेन में करीब 20-25 हजार लोग थे जिनमें से अधिकतर स्टूडेंट्स थे। इसी तरह से दूसरे देशों के भी लोग वहां पर फंसे हुए हैं। ऐसे में रूस पर भी सवाल उठ रहे हैं। यूक्रेन लगातार रूस पर आरोप लगा रहा है कि वो आम लोगों की जान ले रहा है। वहीं रूस इन आरोपों को गलत ठहरा रहा है। ऐसे में सीजफायर कर रूस अपनी छवि को दोबारा सही करने की कोशिश में लगा हो सकता है।