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पाकिस्तान को FATF का निर्देश, कहा- तीन बिंदुओं पर करो काम, जून में फिर होगा फैसला


इस्लामाबाद. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) ने गुरुवार को पाकिस्तान (Pakistan) को अपनी ग्रे-लिस्ट में जून तक के लिए बरकरार रखा. एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है. खासकर वह रणनीतिक रूप से अहम कमियों से निपटने में असफल रहा है. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को सभी नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी.

पेरिस स्थित एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्यलेर ने कहा कि पाकिस्तान को दी गई समय सीमा पहले ही समाप्त हो गई है. ऐसे में इस्लामाबाद एफएटीएफ की चिंताओं को जितनी जल्दी हो सके दूर करने पर काम करे. प्यलेर ने एफएटीएफ के पूर्ण सत्र के समापन के बाद कहा कि पाकिस्तान ने पहले की अपेक्षा सभी कार्रवाई योजनाओं में प्रगति की है और अब तक 27 में से 24 कार्रवाई पूरी कर ली हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की ओर से सूचीबद्ध आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करना अभी बाकी है.

क्या कहा FATF ने
एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किए गए आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए. पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए. पाकिस्‍तान यदि एक बार तीन अधूरे कार्य बिंदुओं को पूरा कर लेता है तो हम जून में होने वाली बैठक में उसकी ओर से उठाए गए कदमों का सत्यापन करके अपना फैसला देंगे. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान को अधूरे एक्‍शन प्‍वाइंट को जल्द से जल्द पूरा करना होगा. 

साल 2018 में रखा था ग्रे लिस्ट में
उल्लेखनीय है कि, FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा था. साथ ही पाकिस्‍तान की सरकार को धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए अपनी ओर से सौंपी गई कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था. हालांकि कोरोना महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी. आतंकी फंडिंग से जुड़े मसलों पर एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में शामिल पाकिस्तान से पिछले साल अक्टूबर में सभी 27 बिंदुओं को लागू करने के लिए कहा गया था. लेकिन अभी भी तीन बिंदु शेष रह रहे हैं.