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इस्लामाबाद। पिछले हफ्ते ‘आजादी मार्च’ को समाप्त करने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि राजधानी इस्लामाबाद में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद उन्हें ‘रक्तपात’ की आशंका थी। 92 न्यूज चैनल के लिए एक टीवी पत्रकार के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘पुलिस के खिलाफ नफरत पहले से ही तेज हो गई थी और मुझे [डी-चौक पर] देखकर मेरे कार्यकर्ताओं की भावनाएं और बढ़ गयीं थी।’ ‘मुझे 100 प्रतिशत यकीन था कि गोलियां चलाई जाएंगी। हमारी तरफ से लोग भी तैयार थे क्योंकि उनमें से कुछ पिस्तौल ले जा रहे थे। इससे पुलिस और सेना के खिलाफ और नफरत बढ़ती और देश के भीतर विभाजन होता …।’