नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री के इकोनामिक एडवाइजरी काउंसिल (EAC- PM) के सदस्य संजीव सान्याल ने रविवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी के साथ विकास कर रही है। वित्त वर्ष 23 में भारत की जीडीपी 7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। अगर वैश्विक परिस्थितियां वर्ष 2000 के जितनी आसान हो जाए तो भारत की अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ को दिए इंटरव्यू में सान्याल ने कहा कि हम एक ऐसे वातावरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां रूस- यूक्रेन युद्ध, महंगाई को काबू करने के लिए दुनिया के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाना और ऊर्जा की अधिक कीमतों के कारण ग्लोबल अर्थव्यवस्था तेजी से नीचे जा रही है और कुछ देशों में मंदी आने का खतरा बना हुआ है।
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत
सान्याल ने आगे कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करना उसकी मजबूती को दिखाता है। देश की अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले तेजी से विकास कर रही है और इस वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 7 प्रतिशत रहेगी और हम अभी जिस तरीके की वैश्विक परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं उस हिसाब से 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करना एक अच्छा प्रदर्शन माना जाएगा।
रुपये में गिरावट से कोई परेशानी नहीं
डॉलर के मुकाबले रुपये में हो रही गिरावट पर सान्याल का कहना है कि हमें डॉलर के मुकाबले रुपये में हो रही गिरावट पर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह जरूर है कि पिछले कुछ समय में डॉलर में दुनिया की अन्य मुद्राओं के मुकाबले काफी तेजी आई है, लेकिन हकीकत यह भी है कि रुपया डॉलर को छोड़कर बाकी अन्य सभी मुद्राओं के मुकाबले काफी मजबूत हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरबीआई का काम डॉलर के मुकाबले रुपये को किसी स्तर पर रोकना नहीं है बल्कि उसमें आने वाले उतार-चढ़ाव को कम करना है।
महंगाई कम करने की कोशिश
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई दर अभी 7 प्रतिशत पर बनी हुई है। सरकार की कोशिश महंगाई को आरबीआई के ओर से तय किए गए बैंड 2 से 6 प्रतिशत की बीच लाने की है। आरबीआई लगातार इसके लिए कदम उठा रहा है।