- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड केयर में लगे देशभर के डॉक्टरों (Doctors) से बात की और कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के इलाज को लेकर उनके सुझावों और अनुभवों के बारे में जाना. इस दौरान जम्मू कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट समेत देशभर के डॉक्टर मौजूद थे. डॉक्टरों ने इस खतरनाक महामारी से निपटने के दौरान के अपने अनुभवों को पीएम मोदी के साथ शेयर किया और अपनी ओर से सुझाव भी दिए. डॉक्टरों ने पीएम मोदी को महामारी के इलाज के दौरान आई मुश्किलों और अनुभवों के बारे में बताया.
मीटिंग में, बातचीत के दौरान, सभी डॉक्टरों ने पीएम मोदी को कोरोना की पहली लहर के बाद से अपनी तैयारियों और दूसरी लहर में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया. उन्होंने ये भी बताया कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में गैर-कोविड मरीजों की उचित देखभाल करने का भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इसी के साथ, उन्होंने जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के अपने अनुभव भी शेयर किए, जिसमें दवाओं के गलत इस्तेमाल के प्रति मरीजों को जागरूक करना भी शामिल है.
पीएम मोदी ने पूरे मेडिकल स्टाफ को दिया धन्यवाद
वहीं, इस बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने भी कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई के लिए पूरे मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को धन्यवाद दिया और कहा कि पूरा देश उनका ऋणी है. कोरोना बीमारी के इलाज में एमबीबीएस छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने हेल्थ सिस्टम को अतिरिक्त सहायता दी है.
इसी के साथ, उन्होंने कहा कि चाहे टेस्टिंग हो या दवाओं की सप्लाई या रिकॉर्ड समय में नए बुनियादी ढांचे की तैयारी हो, ये सब तेज रफ्तार से किया जा रहा है. ऑक्सीजन की सप्लाई से जुड़ी कई चुनौतियों को दूर किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स के साथ टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की रणनीति ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी सहायता की है. देश में लगभग 90 प्रतिशत स्वास्थ्य पेशेवरों ने पहले ही वैक्सीन की पहली डोज ले ली है. वैक्सीन ने ज्यादा से ज्यादा डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की है.
होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए PM ने की ये अपील
वर्तमान में बड़ी संख्या में मरीजों का ‘होम आइसोलेशन’ में इलाज चल रहा है, इसके मद्देनजर पीएम मोदी ने डॉक्टरों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि हर मरीज की होम बेस्ड देखभाल दिशानिर्देशों के तहत हो. उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन ने होम आइसोलेशन में मरीजों के लिए बड़ी भूमिका निभाई है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस सेवा को और बढ़ाने की जरूरत है.
उन्होंने टीमों का गठन कर गांवों में टेलीमेडिसिन सेवा मुहैया कराने वाले डॉक्टरों की सराहना की. उन्होंने राज्यों के डॉक्टरों से इसी तरह की टीम बनाने, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों और एमबीबीएस इंटर्न को ट्रेनिंग देने और देश की सभी तहसीलों और जिलों में टेलीमेडिसिन सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की.
म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस की चुनौती पर भी हुई चर्चा
इसी के साथ, प्रधानमंत्री ने म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस की चुनौती पर भी चर्चा की और कहा कि डॉक्टरों को सक्रिय कदम उठाने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने शारीरिक देखभाल के महत्व के साथ-साथ मानसिक देखभाल के महत्व का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ इस लंबी लड़ाई को लगातार लड़ना मेडिकल स्टाफ के लिए मानसिक रूप से चुनौती भरा काम है.
आखिर में, सभी डॉक्टरों ने पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व के लिए उनका धन्यवाद किया, साथ ही टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता देने के लिए भी उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. बैठक में सदस्य (स्वास्थ्य) नीति आयोग, स्वास्थ्य सचिव, फार्मास्युटिकल सचिव और पीएमओ, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया.