अस्ताना, । यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह ने असर दिखाया है। पुतिन ने कहा है कि भारत और चीन, यूक्रेन मसले का बातचीत के जरिये समाधान चाहते हैं। समस्या के समाधान के लिए रूस बातचीत कर सकता है, लेकिन यूक्रेन इसके लिए तैयार नहीं है। विदित हो कि साढ़े सात महीने से जारी यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों के भारी दबाव के बावजूद भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूसी कार्रवाई का विरोध नहीं किया है। इतना ही नहीं भारत ने इस दौरान रूस से तेल की खरीद भी बढ़ा दी है।
पीएम मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की को दी थी बातचीत की सलाह
सितंबर में उज्बेकिस्तान में हुए शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन से मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात में पुतिन से मोदी की कही बात- यह युद्ध का समय नहीं है, दुनिया भर में चर्चा में रही थी। इसी मुलाकात में मोदी ने बातचीत के जरिये यूक्रेन समस्या के समाधान की सलाह दी थी। बाद में मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी फोन पर यही सलाह दी थी। सोमवार को कजाखस्तान में मीडिया से वार्ता में पुतिन ने उसी का उल्लेख किया।
यूक्रेन ने फिर की आतंकी कार्रवाई की तो बंद होगा निर्यात मार्ग
पुतिन ने कहा, भविष्य में यूक्रेन ने आतंक पैदा करने वाला अन्य कोई कृत्य किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही खाद्यान्न आपूर्ति के लिए काला सागर से उसे दिया रास्ता भी रोक दिया जाएगा। महीनों तक यूक्रेन के आवागमन का समुद्री मार्ग बंद रखने के बाद संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये के हस्तक्षेप से रूस जुलाई में काला सागर का मार्ग खोलने के लिए तैयार हुआ था। एक प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने यूक्रेन में जल्द कोई बड़ी कार्रवाई से इन्कार किया। कहा कि वह यूक्रेन की हरकत देखकर कदम उठाएंगे। उल्लेखनीय है कि सोमवार और गुरुवार को रूस ने यूक्रेन में बड़े हवाई हमले किए थे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के लिए किसी तरह का पश्चाताप या हिचक होने से इन्कार किया।
जो बाइडन के साथ बातचीत की कोई जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि कैदियों के आदान-प्रदान के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन को उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि उनके आदेश के मुताबिक तीन लाख अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती को दो सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। पुतिन का कहना है कि रूस के साथ नाटो सैनिकों के किसी भी सीधे संघर्ष से ‘वैश्विक तबाही’ होगी। मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत की ‘कोई जरूरत नहीं’ देखी है। उन्होंने अब तक इंडोनेशिया के बाली में अगले महीने 20 शिखर सम्मेलन के समूह में भाग लेने का फैसला नहीं लिया है।
रूस को विश्व व्यवस्था से दरकिनार करने की कोशिश
इस बीच बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूस को विश्व व्यवस्था से दरकिनार करने की कोशिशों को लेकर पश्चिमी देशों को आगाह किया है। कहा, किसी को नहीं भूलना चाहिए कि रूस के पास परमाणु हथियारों का बड़ा भंडार है और वह भंडार विशेष कारण से तैयार किया गया है। बेलारूस की सत्ता पर 28 साल से काबिज लुकाशेंको को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का खास सहयोगी माना जाता है।
नाटो देश करेंगे परमाणु हथियारों के साथ अभ्यास
यूक्रेन में रूस के परमाणु हमले के पैदा हुए खतरे के बीच नाटो के सदस्य देशों की सेनाएं सोमवार को बेल्जियम, उत्तर सागर और कई अन्य स्थानों पर परमाणु हथियारों के हमले और उससे बचाव का अभ्यास करेंगी। इस अभ्यास में अमेरिका के अत्याधुनिक बी-52 बमवर्षक विमानों सहित कुल 60 विमान हिस्सा लेंगे।