नई दिल्ली। चुनावी राज्य केरल (Kerala) में अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड के दो दिन के दौरे पर आए कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार (Modi Government) एक के बाद एक चुनी हुई सरकारों को गिराती है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार चुनाव जीतने का मतलब चुनाव हारना है और चुनाव हारने का मतलब चुनाव जीतना है।
केंद्र पर बोला हमला
केरल में राहुल गांधी ने कहा, ‘पहली बार दिल्ली में एक सरकार (केंद्र सरकार) है जो अपनी इच्छा और ताकत न्यायपालिका पर थोप रही है। सरकार न्यायपालिका को वो नहीं करने दे रही है जो उसे करना चाहिए। और ऐसा सिर्फ न्यायपालिका के साथ ही नहीं है, वो हमें लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा नहीं करने देते।’
चुनी हुई सरकारों को गिराती है मोदी सरकार
उन्होंने कहा, ‘वो एक के बाद एक चुनी हुई सरकारों को गिराते हैं। आजाद भारत में पहली बार चुनाव जीतने का मतलब चुनाव हारना है और चुनाव हारने का मतलब चुनाव जीतना है। लेकिन वो सच का सामना करने से बच नहीं सकते हैं।’ गौरतलब है कि पुडुचेरी (Puducherry) में मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत पर मतविभाजन से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इससे पहले कुछ विधायकों ने इस्तीफे दे दिए थे जिससे बहुमत वाली सरकार अल्पमत में आ गयी थी।
पुडुचेरी भी फिसला हाथ से
आपको बता दें कि दो साल पहले कर्नाटक में अपनी सत्ता खो चुकी कांग्रेस का दक्षिण भारत में बचा-खुचा एकमात्र किला पुडुचेरी भी सोमवार को ढह गया। कभी दक्षिण भारत कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, आज देश के बाकी हिस्सों की तरह वहां से भी साफ हो गई। पार्टी की अंदरूनी खींचतान और नेतृत्व को लेकर बने असमंजस व नाराजगी के चलते पार्टी ने 11 महीने के भीतर अपनी एक और सरकार खो दी। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कांग्रेस की बहुमत की सरकार थी। 30 और तीन मनोनीत सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 14 विधायकों की जरूरत होती है।
विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई नारायणसामी सरकार
कांग्रेस और डीएमके मिलकर 19 विधायकों के साथ सत्ता में थे जबकि विपक्ष में एआईडीएमके के चार, एआईएनआरसी के सात और भाजपा के तीन मनोनीत विधायकों को मिलाकर 14 सदस्य थे। बीते दो महीने के भीतर एक के बाद एक कर कांग्रेस के पांच विधायकों के इस्तीफे और पिछले साल जुलाई में एक विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अयोग्य करार दिए जाने से वी. नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई। इस बीच सहयोगी दल डीएमके के एक विधायक ने भी इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद सरकार का गिरना तय हो गया।
नारायणसामी ने उपराज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया, जिसका सामना करने की बजाए मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और उनकी कैबिनेट ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस सरकार को गिराने के लिए भाजपा ने उसी हथकंडे को अपनाया, जो उसने 2019 में कर्नाटक में और 2020 में मध्य प्रदेश में अपनाया था।