अकोला की शहर कोतवाली पुलिस ने आपराधिक षड्यंत्र,साक्ष्यों को नष्ट करने संबंधी विभिन्न धाराओं तथा अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 की धाराओं के तहत पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
अधिकारी ने बताया कि अकोला पुलिस ने कोतवाली थाने में जीरो एफआईआर (अपराध चाहे जिस इलाके में हुआ हो लेकिन प्राथमिकी किसी भी पुलिस थाने में दर्ज करने का माध्यम) दर्ज की है और इसे ठाणे शहर की पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया है.पुलिस निरीक्षक भीमराव घड़गे ने अपनी शिकायत में सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं. ये सभी आरोप उस वक्त के हैं जब मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ठाणे पुलिस में तैनात थे. 2015 से 2018 के दौरान ठाणे पुलिस कमिश्नरी में तैनात रहे घड़गे ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकाल के दौरान सिंह के नेतृत्व में काम करने वाले कई अधिकारी भ्रष्टाचार के कृत्यों में लिप्त रहे.
उन्होंने दावा किया कि सिंह ने कुछ लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र नहीं दाखिल करने को भी कहा था जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज थी. अब अकोला पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात घड़गे ने आरोप लगाया है कि सिंह के निर्देशों को मानने से इनकार करने के बाद उनके खिलाफ पांच प्राथमिकियां दर्ज की गईं और उन्हें निलंबित कर दिया गया.