आजाद भारत के प्रथम मतदाता 106 वर्षीय श्याम शरण नेगी का देहांत शनिवार को सुबह करीब 3 बजे उनके कल्पा स्थित निवास स्थान पर हुआ। श्याम सरन नेगी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। श्याम सरन नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रिकांगपिओ के पोवारी में सतलुज नदी के तट पर किया गया। इस दौरान पवारी स्थित श्मशानघाट पर श्याम सरन नेगी के पुत्र चंद्र प्रकाश ने मुखाग्नि दी। देश के प्रथम मतदाता के निधन होने की सूचना मिलते ही भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हेलीकॉप्टर के माध्यम से शाम के 4 बजे किन्नौर जिला के मुख्यालय रिकांगपिओ पहुंचे, रिकांगपिओ से वाहन के द्वारा नेगी के घर कल्पा पहुंचे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव आयोग के ब्रांड एम्बेसडर रहे प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी की मृत्यु होने पर गहरा शोक प्रकट किया और परिजनों के सांत्वना दी। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक, पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उनके निवास स्थान पहुंचे और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया। इसके पश्चात सभी उनकी अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए। इस अवसर पर पुलिस के जवानों ने हवाई फायर करके उन्हें सलामी भी दी। 1 जुलाई 1917 को जिला किन्नौर के कल्पा में जन्मे मास्टर श्याम शरन नेगी ने जब पहली बार अपने मत का प्रयोग किया था तो उसमें वह बतौर अध्यापक सेवाएं दे रहे थे और उनकी ड्यूटी भी चुनावों में लगी हुई थी। भारत के स्वतंत्र होने के बाद पहले आम चुनाव फरवरी 1952 में होने थे परंतु जिला किन्नौर में मौसम बर्फबारी को देखते हुए 5 माह पहले ही सितंबर 1951 में चुनाव करवा दिए गए थे। उस समय श्याम सरन नेगी ने सबसे पहले मतदान किया था तभी से उन्हें देश के प्रथम मतदाता होने का गौरव प्राप्त हुआ था।