कांग्रेस ने सड़क से लेकर संसद तक किया विरोध प्रदर्शन
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस के बड़े विरोध प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ईडी की कार्रवाई और महंगाई के खिलाफ संसद से सड़क तक विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने अपने 75 सांसदों को भी हिरासत में लिए जाने का दावा किया। सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे कांग्रेस सांसदों और नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर राहुल गांधी ने तीखा विरोध जताते हुए कहा- भारत में पुलिस का राज है और प्रधानमंत्री मोदी एक राजा हैं।
कांग्रेस ने राजघाट गांधी समाधि पर पार्टी के सत्याग्रह की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर भी सरकार पर प्रहार करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। मंगलवार को ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में दूसरे दिन पूछताछ की। कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ईडी की कार्रवाई और महंगाई के खिलाफ था।
सदस्यों ने सदन के भीतर भी इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद कांग्रेस ज्ञापन देने के लिए राष्ट्रपति भवन जाने के लिए निकले। विजय चौक पर कांग्रेस सांसदों के इस मार्च में सोनिया गांधी को ईडी दफ्तर छोड़ कर लौटे राहुल गांधी भी शामिल हो गए।
पुलिस ने कांग्रेस सांसदों को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी ओर हिरासत में लेकर बसों में बिठाना लिया। आगे बढ़ने से रोके जाने पर राहुल गांधी विजय चौक पर ही नीचे धरने पर बैठ गए मगर कुछ देर बाद पुलिस उन्हें भी हिरासत में लेकर उसी बस में बिठाकर किंग्सवे कैंप थाने ले गई जिसमें कई सांसद पहले से ही बिठाए गए थे।
राजघाट पर कांग्रेस को नहीं दिया सत्याग्रह की इजाजत
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए जाने के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके समेत कांग्रेस के कई सांसदों से बदसलूकी की और ऐसा पीएम नरेन्द्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर किया गया। कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि राजघाट पर कांग्रेस को सत्याग्रह की इजाजत नहीं देना लोकतंत्र की हत्या है और हम भाजपा सरकार को समझाना चाहते हैं कि लोकतंत्र के दो पहिए में एक पहिया विपक्ष है और सरकार इसे रोकेगी तो लोकतंत्र की गाड़ी भी वहीं रुक जाएगी।
माकन ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ 2016 में ही ईडी ने इस केस को खत्म कर दिया था लेकिन दबाव में राजनीतिक द्वेष से इसे पुनर्जीवित कर विपक्ष की मुखर आवाज को बंद करने की कोशिश जा रही है और कांग्रेस इसकी निंदा करती है।