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प्रशांत किशोर ने मुसलमानों को दिया जीत का फॉर्मूला, आंकड़ों के साथ समझाया सियासी पिच का गुणा-भाग


 पटना। बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल अभी से ही तेज हो गई है। जन सुराज (Jan Suraaj) पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी विश्लेषक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी इस चुनाव में पूरे दमखम के साथ भाग लेने का एलान कर दिया है। इसकी तैयारी में भी वह जुट गए हैं।

इस बीच, उन्होंने राजनीति में मुसलमानों को जो सलाह ओवैसी दे रहे हैं, उसमें और प्रशांत किशोर की बातों में क्या फर्क है? इसके बारे में खुलकर बताया है। प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोग कहते हैं कि आपमें और ओवैसी साहब में क्या फर्क है। तो यह बताना चाहता हूं कि फर्क है।

मुसलमानों को किन हिंदुओं का देना चाहिए साथ, पीके ने बताया

पीके ने आगे कहा कि ओवैसी कह रहे हैं मुसलमानों (Prashant Kishor On Muslim) को अपने हक के लिए खड़ा होना चाहिए। मैं कहता हूं कि मुसलमानों को हक के लिए खड़ा होना चाहिए लेकिन उन्हें उन 50 प्रतिशत हिंदुओं के साथ खड़ा होना चाहिए, जो विचारधारा के आधार पर गांधी को मानने वाले हैं। भाजपा (BJP) के खिलाफ आप जितनी सिद्धत से लड़ रहे हैं, वह भी वैसे ही लड़ रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब आपको लगे कि कोई हिन्दू बचा नहीं, जिसके साथ आप चल सकते हैं तो एक आंकड़ा दे रहे हैं, इसको याद रखिए। भाजपा को इस बार 36 प्रतिशत वोट मिला है।

किन लोगों ने भाजपा को नहीं किया स्वीकार? पीके ने कही ये बात

उन्होंने कहा कि 2019 में 37 प्रतिशत वोट आया था। देश में 80 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं, जिसमें 37 प्रतिशत ने वोट दिया। इसका मतलब है कि आधे से अधिक हिंदुओं ने भाजपा को स्वीकार नहीं किया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि ये कौन हिन्दू हैं, इनको पहचानिए आपके जीत का फॉर्मूला मिल जाएगा। जो गांधी को मानने वाला हिन्दू है, वह भाजपा को नहीं मानता। इसके अलावा, जो अंबेडकर और कम्युनिस्ट को मानने वाले हिन्दू भाजपा को वोट नहीं करते। इन्हीं हिंदुओं के साथ गठजोर करने पर बात बन पाएगी।