आगमी चरणों में भाजपा और TMC के बीच कड़ी लड़ाई है. भाजपा ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान यहां के 60 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल कर के सभी को झटका दिया था. इस भी विधानसभा क्षेत्रों में अगले चरणों में चुनाव होंगे. 2019 के परिणाम के सिलसिले में यह टीएमसी कैंप में बड़ी सेंध थी क्योंकि ममता बनर्जी की पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों में इन 132 सीटों में से 107 पर जीत हासिल की थी. त्तर 24 परगना के सबसे बड़े जिले में की सभी 33 सीटों समेत बीजेपी यहां अपनी बढ़त बनाए रखने और बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही है. इन सीटों पर पांचवें और छठें चरण में मतदान होगा. वहीं टीएमसी अपने गढ़ में बराबरी हासिल करना चाहती है.
44 सीटों पर 10 अप्रैल को, 17 अप्रैल को 45 सीटें और 22 अप्रैल को 43 अन्य सीटों पर मतदान होगा. कुल आठ चरणों में सबसे अधिक सीटें हैं. ये सीटें 12 जिलों के रूप में फैली हुई हैं, जिनमें उत्तर 24 परगना जैसे बड़े जिले शामिल हैं, जिसमें 33 सीटें हैं. नादिया में 17 सीटें हैं और पूर्वी बर्धमान में 16 सीटें हैं जहां की सभी सीटों पर अगले तीन चरणों में मतदान होगा.
‘इन जिलों में बीजेपी को करना होगा अच्छा प्रदर्शन’एक भाजपा नेता ने News 18 को बताया ‘पश्चिम बंगाल को जीतने के लिए, राज्य के सात बड़े जिलों – उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, नादिया, पूर्वी बर्धमान, हुगली और हावड़ा में अच्छा प्रदर्शन करना होगा. इन जिलों में 136 सीटें हैं. मुर्शिदाबाद को छोड़कर, इनमें से छह जिलों की अधिकतर सीटों पर अगले तीन चरणों में मतदान होगा.’
इन चरणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अभियान पर ध्यान केंद्रित किया गया है. शाह ने बुधवार को हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना में चार रोड शो किए जबकि पीएम मोदी ने मंगलवार को हावड़ा में एक रैली की और 22 अप्रैल तक आठ से नौ रैलियों के लिए कम से कम चार बार राज्य का दौरा करेंगे. गुरुवार को जेपी नड्डा तीन रोड शो करेंगे जबकि सीएम ममता बनर्जी हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना में प्रचार करेंगी.
साल 2019 का बदलाव, साल 2021 में भी दिखेगा?
33 सीटों के साथ उत्तर 24 परगना जिला पर सबसे ज्यादा ध्यान है. जिले में शहरी क्षेत्रों में हिंदी भाषी मतदाताओं की एक अच्छी संख्या है. मटुआ मतदाताओं के साथ-साथ कम से कम नौ सीटों पर 40% से 65% की मुस्लिम आबादी है. बीजेपी को उम्मीद है किहिन्दी भाषी और मटुआ समुदाय इसके साथ होंगाऔर मुस्लिम वोट टीएमसी और आईएसएफ-वाम-कांग्रेस के के बीच बिखरा हुआ है. पांचवे और छठें चरण में नादिया जिले पर सबकी नजर होगी है जिसमें 17 सीटें हैं. यहां साल 2016 और साल 2019 के बीच पूरी तरह से बदलाव देखा गया. साल 2016 में TMC ने इनमें से 11 सीटें जीतीं, जबकि साल 2019 के लोकसभा चुना में भाजपा को इन विधानसभा क्षेत्रों में से 11 में बढ़त मिली. मटुआ वोट और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की उनकी मांग भाजपा के लिए वोट बढ़ाने के रूप में भी काम कर सकती है. नादिया के मामले में टीएमसी को अपने स्थानीय सांसद महुआ मोइत्रा पर भरोसा जता रही है.