नई दिल्ली। बीजेपी ने संदेशखाली में कुछ शिकायतकर्ता महिलाओं के बयान पर सवाल उठाने के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने (ममता) ‘‘बेहद घटिया’’ टिप्पणी की है और अब उन्हें सत्ता से बाहर करने का समय आ गया है।
बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि संदेशखाली में महिलाएं स्वयं ही विरोध कर रही हैं और इसमें कोई राजनीति नहीं थी क्योंकि उनकी पार्टी ने केवल पीड़ित महिलाओं की रक्षा करने और उनकी आवाज उठाने की कोशिश की है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि संदेशखाली में महिलाओं के साथ जो हुआ वह इराक और पाकिस्तान जैसे देशों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार को दर्शाता है।
चटर्जी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शाहजहां शेख को मुख्यमंत्री बनर्जी द्वारा बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा, यही कारण है कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है जबकि शेख के कुछ सहयोगियों को पकड़ लिया गया है।
शेख महिलाओं के यौन उत्पीड़न और भूमि हड़पने की शिकायतों में मुख्य आरोपी है।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘उसे फांसी दी जानी चाहिए। वह मौत की सजा से कम का हकदार नहीं है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया गया। मुस्लिम मतदाताओं के स्पष्ट संदर्भ में चटर्जी ने कहा कि आरोपियों को प्रशासन ने पनाह दी क्योंकि टीएमसी को ‘‘30 प्रतिशत वोटों’’ की परवाह है।
कुछ महिलाओं के बयानों पर सवाल उठाने वाले मुख्यमंत्री के दावे के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा, ‘‘वह जो कह रही हैं वह बहुत घटिया है। वे स्वयं ही विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। यह पश्चिम बंगाल को बचाने और ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ फेंकने का समय है।’’
बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि संदेशखाली में ‘‘एक घटना कराई गई थी’’ और उन्होंने इसके लिए भाजपा पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और मीडिया के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखाली में एक भी महिला ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान मामला शुरू करने का निर्देश दिया था।
चटर्जी ने आरोप लगाया कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई क्योंकि स्थानीय प्रशासन आरोपियों के साथ मिला हुआ था और टीएमसी सदस्यों की तरह काम कर रहा था। उन्होंने दावा किया कि देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री द्वारा शासित राज्य में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।