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बंगाल राजस्थान के बाद तमिलनाडु में भी CBI की नो एंट्री!


नई दिल्ली, तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने बीते दिन सीबीआई की राज्य में एंट्री पर रोक लगा दी है। अब राज्य में किसी भी मामले की जांच के लिए सीबीआई को तमिलनाडु सरकार से इजाजत लेनी होगी। स्टालिन सरकार ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ले ली है।

तमिलनाडु सरकार का यह कदम मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के बारे में विपक्ष की शिकायतों के बीच आया है।

हाल ही में कई दूसरे राज्यों ने भी सीबीआई से सामान्य सहमति वापस ले ली थी। इसमें पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम और तेलंगाना आदि शामिल है। सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेना अब विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों का एक शक्तिशाली राजनीतिक उपकरण बनता दिख रहा है।

आइए, जानते हैं ये सामान्य सहमति क्या है और इसे वापिस लेने के परिणाम क्या होंगे…

सीबीआई सामान्य सहमति क्या है?

  • CBI दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 के नियमों के तहत काम करती है।
  • इस अधिनियम की धारा 6 के तहत सीबीआई को राज्य में किसी अपराध की जांच शुरू करने से पहले अनिवार्य रूप से संबंधित राज्य सरकार की सामान्य सहमति प्राप्त करनी होती है।
  • आमतौर पर ज्यादातर राज्य सरकारों ने पहले से ही सामान्य सहमति दे रखी है। इसके मिलने से एजेंसी बिना रोकटोक के राज्य में कहीं भी जांच कर सकती है।
  • अगर राज्य सरकार ये सामान्य सहमति वापस ले लेती है, तो सीबीआई राज्य सरकार से पूछे बिना किसी भी मामले में जांच नहीं कर सकती है। मामूली केस में भी एजेंसी को राज्य से मंजूरी लेनी होती है।
  • चाहे भ्रष्टाचार या कोई भी मामला सामने आ जाए सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति के जांच नहीं कर पाती है।

क्या सामान्य सहमति के बिना CBI की एंट्री नहीं होगी

  • सामान्य सहमति वापस लेने से सीबीआई एक राज्य में जाने के लिए शक्तिहीन हो जाती है।
  • जिन राज्यों ने सामान्य सहमति वापस ले रखी है, वहां सीबीआई बिना इजाजत जांच के लिए नहीं जा सकती है।
  • हालांकि, अगर सीबीआई को किसी मामले में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जांच का आदेश देता है, तो उसे राज्य सरकार की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होती है।

किन राज्यों में सीबीआई पर बैन?

पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, झारखंड, मेघालय, छत्तीसगढ़, पंजाब और तेलंगाना ने सीबीआई के लिए किसी भी मामले में जांच शुरू करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य किया हुआ है।

अब तमिलनाडु 10वां राज्य बन गया है, जिसने सीबीआई की एंट्री बैन कर दी है।