- देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था। देशमुख इससे पहले मामले में पूछताछ के लिए निदेशालय की ओर से जारी समन के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे।
मुंबईः महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ा झटका लगा है। धनशोधन मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर रद्द नहीं होगी।
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अदालत ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था। देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।
देशमुख इससे पहले मामले में पूछताछ के लिए निदेशालय की ओर से जारी समन के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे। पूर्व मंत्री ने कहा, ”मैंने प्रवर्तन निदेशालय के समन मिलने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। मैं अपनी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के पास जाऊंगा।”
निदेशालय कथित तौर पर करोड़ों रुपये के घूस एवं वसूली गिरोह मामले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रहा है। इस मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। केंद्रीय एजेंसी ने हाल में देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उसने इन दोनों और देशमुख के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे।