महसी (बहराइच)। कछार में आतंक का पर्याय बना एक और नर भेड़िया गुरुवार की सुबह वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। उसके पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। दो मादा एक नर भेड़िया पहले पकड़े जा चुके हैं।
बीते मार्च माह से हरदी थाना के मक्कापुरवा, औराही जगीर, कोलैला, नथुवापुर, बड़रिया, नकवा, नयापुरवा समेत आसपास के गांवों में भेड़िए ने कई हमले किए। आठ मासूमों समेत नौ लोगों को अपना शिकार बनाया। 35 से अधिक लोग घायल हुए। चार पिंजरे, आठ थर्मोसेंसर कैमरे लगाए गए। थर्मल ड्रोन से निगरानी शुरू की। 18 टीमें रात दिन गश्त कर रही हैं। बीते दिनों तीन भेड़िए पकड़े गए। अन्य भेड़िए चकमा देकर वहां से भाग निकले।
वन विभाग ने फिर से उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद गुरुवार की सुबह नर भेड़िया सिसैया चूरामणि गांव के निकट लगे वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गया। वनकर्मी उसे रेंज कार्यालय ले गए। भेड़िए के पकड़े जाने के बाद वन कर्मियों व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
टीम में प्रभागीय वनाधिकारी बाराबंकी आकाश दीप बघावन प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच अजीत प्रताप सिंह कतर्नियाघाट बी शिवशंकर, रेंजर मोहम्मद शाकिब, वन सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार सिंह डिप्टी रेंजर अमित वर्मा, ऋषि बाजपेई, प्रताप राणा समेत अन्य शामिल रहे।
बता दें कि बुधवार वन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार ने विधायक सुरेश्वर सिंह के साथ गांव का भ्रमण कर भेड़िए को पकड़ने के निर्देश दिए थे। मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह आला अधिकारियों के साथ कैंप कर रही हैं।
इलाके में है भेड़िए का है कुनबा
कछार में भेड़िए की संख्या को लेकर अनिश्चितता है। सूत्रों का कहना है कि भेड़िया अपने कुनबे के साथ रहता हैं। प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि चार भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। अन्य भेड़ियों को भी पकड़ लिया जाएगा।