उत्तर प्रदेश लखनऊ

बाराबंकी : पटाखा फैक्टरी में विस्फोट, दो की मौत


डेढ़ घंटे तक रुक-रुककर होते रहे धमाके, दिवारें दरकीं
लखनऊ (आससे.)। बाराबंकी के सराय बरई गांव के बाहर बृहस्पतिवार दोपहर करीब दो बजे पटाखा फैक्टरी में भीषण विस्फोट हो गया। धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी आवाज कई किमी दूर तक सुनी गई। करीब डेढ़ घंटे तक रुक-रुक कर धमाके होते रहे। हादसे में दो लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि फैक्टरी मालिक के दो पुत्र समेत पांच लोग गंभीर रूप से झुलस गए। आग पर काबू पाने के लिए आधा दर्जन से अधिक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां देर शाम तक मौके पर डटी रहीं।करीब एक घंटे बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड, बम डिस्पोजल दस्ता और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। राहत कार्य शुरू हुआ तो फैक्टरी के पास का दृश्य बेहद भयावह था। चारों ओर मलबा बिखरा था। दीवार और टिन की चादरें उड़ गई थीं और ईंटें सैकड़ों मीटर दूर तक जा गिरी थीं। जांच के दौरान खेत में एक व्यक्ति का हाथ मिला, जबकि एक जला हुआ शव फैक्टरी के भीतर पाया गया।मृतकों की पहचान शुजागंज के हयातनगर निवासी समसुद्दीन (40) और टिकैतनगर के खमौली गांव निवासी गब्बर (35) के रूप में हुई है। वहीं फैक्टरी मालिक के पुत्र खालिद और बसीर तथा मजदूर कल्लू, सलमान और निर्मल गंभीर रूप से झुलस गए हैं। सभी घायलों को एंबुलेंस से भेलसर अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ रेफर कर दिया गया। धमाके के बाद फैक्टरी में आग लग गई, जिससे अंदर रखे पटाखे और कच्चा माल एक के बाद एक फटने लगे। लगातार रुक-रुक कर हो रहे धमाकों से पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया। फैक्टरी आबादी से कुछ दूरी पर जरूर थी, मगर बार-बार गूंजते धमाकों ने पूरे इलाके को हिला दिया। ग्रामीण घरों से बाहर निकलकर खेतों और सड़कों की ओर भागने लगे।सूचना मिलते ही सीओ रामसनेहीघाट, तहसीलदार आरएस घाट, टिकैतनगर पुलिस और अग्निशमन विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। लपटों की ऊंचाई कई फीट ऊपर तक जा रही थी। दमकलकर्मियों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटनास्थल पर एडीएम निरंकार, एसडीएम रामसनेहीघाट और सीओ सहित पूरा प्रशासनिक अमला डटा रहा। मौके पर पहुंची टीमों ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट के बाद चारों तरफ घना धुआं छा गया, जिससे कुछ देर तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। आसपास के खेतों तक पटाखों और प्लास्टिक के टुकड़े बिखर गए। कई लोगों ने बताया कि फैक्टरी में अक्सर तेज रफ्तार से उत्पादन होता था और त्योहारों से पहले वहां काफी मात्रा में पटाखे बनाए जा रहे थे।हादसे के समय फैक्टरी के मालिक खालिद और उनका बेटा ताहिर दोनों ही अंदर मौजूद थे। झुलसे मजदूरों में स्थानीय निवासी भी शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और फैक्टरी परिसर की घेराबंदी कर दी गई है। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि फैक्टरी का लाइसेंस वैध था, लेकिन प्रारंभिक जांच में उत्पादन प्रक्रिया में लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि फोरेंसिक टीम को बुलाकर सैंपल लिए जा रहे हैं और विस्फोट के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि धमाका इतना भयानक था कि आसमान में धुएं का विशाल गुबार उठ गया और धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। एक ग्रामीण ने बताया, ऐसा लगा जैसे धरती हिल गई हो। लगातार पटाखे फट रहे थे, कोई पास नहीं जा पा रहा था। एडीएम निरंकार सिंह ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन ने जिलास्तर पर जांच समिति गठित करने की बात कही है। मौके पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की दोबारा आग न लगे।
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