१२१ सीटों के लिए १३१४ प्रत्याशियोंके भाग्य ईवीएममें कैद
पटना (आससे)। बिहार में विधानसभा चुनाव के तहत पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है। शाम छह बजे तक 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 64.46 फीसदी मतदान हुआ है। पहले चरण के मतदान में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें 1192 पुरुष और 122 महिलाएं शामिल हैं। पहले चरण की 102 सीटें सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 19 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। इस चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आयोग ने साधन उपलब्ध कराए थे। इनमें 1 करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, 1 करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं, और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे।
राघोपुर विधानसभा से पूर्व डिप्टी सीएम और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राजद से उम्मीदवार हैं। महागठबंधन ने इस बार तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। तेजस्वी ने अपने चुनावी करियर की शुरुआत इसी सीट से की थी। 2015 और 2020 में वह इस सीट से जीत चके हैं। भाजपा ने यहां से पिछली बार के उम्मीदवार सतीश कुमार को टिकट दिया है। सतीश कुमार ने 2010 में जदयू के टिकट पर तेजस्वी यादव की मां और राजद की उम्मीदवार राबड़ी देवी को हराया था। जनसुराज ने चंचल कुमार को यहां मैदान में उतारा है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस बार तारापुर से टिकट दिया गया है। इससे पहले वह परबत्ता सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। 2014 में वह राजद से अलग हो गए। 2020 में वह एमएलसी चुने गए। अब वह भाजपा के टिकट पर तारापुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला राजद के अरुण कुमार से है।
लखीसराय से भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार जीतने वाले विजय कुमार सिन्हा एक बार फिर यहां से मैदान में हैं। बिहार के उपमुख्मंत्री सिन्हा फरवरी 2005 में हुए चुनाव में पहली बार लखीसराय से जीते थे। 2005 अक्तूबर में हुए चुनाव में उन्हें राजद के फुलेना सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 2010 में उन्होंने अपनी सीट वापस ले ली। उनका मुकाबला कांग्रेस के अमरेष कुमार से है।
बाहुबली और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। मोकामा हुए हत्याकांड के बाद इस सीट की चर्चा पूरे देश में है। इस हत्याकांड का आरोप अनंत सिंह पर लगा है। उन्हें चुनाव प्रचार के बीच में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके प्रचार की कमान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के हाथ में रही।
यहां से भाजपा ने पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को टिकट दिया है। रामकृपाल 2024 के लोकसभा चुनाव में पाटलीपुत्र सीट हार गए थे। उन्हें लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने शिकस्त दी थी। रामकृपाल यादव के सामने राजद ने रीत लाल राय को उतारा है। रीत लाल 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते थे। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पांच साल बाद फिर अपनी बनाई पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। राजद ने यहां से मुकेश कुमार रौशन और जनसुराज से इंद्रजीत प्रधान को टिकट दिया है। मशहूर भोजपुरी गायक और अभिनेता खेसारी लाल यादव की वजह से सारण जिले की छपरा सीट चर्चा में है। इस सीट से राजद ने महागठबंन की ओर से शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव को मैदान में उतारा है। खेसारी लाल के खिलाफ भाजपा ने छोटी कुमारी और जनसुराज ने जयप्रकाश सिंह को टिकट दिया है। इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं।यह इस प्रमंडल की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। भाजपा ने यहां से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है। राजद ने यहां से विनोद मिश्रा को टिकट दिया है। जनसुराज ने यहां से बिप्लव कुमार चौधरी को मैदान में उतारा है। सीवान जिले की इस सीट पर राजद ने बाहुबली शाहबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट दिया है। जदयू ने यहां से विकास कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं जनसुराज की तरफ से राहुल कीर्ति मैदान में हैं। पिछले दो चुनावों से यहां राजद ने जीत दर्ज की है। दोनों बार यहां से राजद के हरिशंकर यादव को जीत मिली थी। पार्टी ने इस बार उनकी जगह ओसामा शहाब को टिकट दिया है।लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान के भांजे सीमांत मृणाल यहां से लोजपा (आर) के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हार मिली थी। इस बार एनडीए गठबंधन में भाजपा ने यह सीट लोजपा के लिए छोड़ दी। राजद ने यहां से मौजूदा विधायक सुरेंद्र राम को ही टिकट दिया है। जनसुराज ने मनोहर कुमार राम को उम्मीदवार बनाया है। इस क्षेत्र से अन्य चर्चित उम्मीदवार नीतिन नबीन हैं, वह बांकीपुर सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। 2025 के लिए भी भाजपा ने इन्हें मैदान में उतारा है। 2020 के चुनाव में इन्होंने शत्रुघन सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को भारी मतों के साथ हराया था। इस बार यहां से राजद ने रेखा कुमारी को टिकट दिया है। वहीं, जनसुराज ने वंदना कुमार को मैदान में उतारा है। यह सीट गोपालगंज जिले के अंदर आती है। इस सीट से वर्तमान विधायक सुनील कुमार बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को मात्र 462 वोटों के बेहद मामूली अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। इस बार भी सुनील कुमार को जदयू से टिकट मिला है। उधर, महागठबंधन की ओर से भाकपा माले के धनंजय मैदान में हैं। जनसुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है।
सारण जिले बनियापुर सीट पर भाजपा ने केदार नाथ सिंह को टिकट दिया है। केदारनाथ इससे पहले यहां से लगातार तीन बार राजद के टिकट पर जीत चुके हैं। केदारनाथ चुनाव से पहले पाला बदलकर राजद से भाजपा में आए हैं। राजद ने यहां से चांदनी देवी को मैदान में उतारा है। जनसुराज के टिकट पर श्रवण कुमार मैदान में हैं। लोजपा सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल सिंह मैदान में हैं। कोमल के पिता जदयू के एमएलसी हैं। जनसुराज ने अशोक कुमार सिंह और राजद ने निरंजन रॉय को मैदान में उतारा है। इस सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा मंत्री विजय चौधरी को ही टिकट मिला है। जदयू के विजय कुमार चौधरी को इस सीट पर लगातार तीन बार जीत मिली है। 2010 से लगातार वह इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। इससे पहले इस सीट पर कोई उम्मीदवार लगातार तीन बार नहीं जीता था। वह नीतीश कैबिनेट में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। राजद ने अरबिंद कुमार साहनी और जनसुराज ने साजन कुमार मिश्रा को टिकट दिया है।
आईडी होनेके बाद भी नहीं डालने दिया वोट, महिलाओंने लगाया आरोप
पटना (आससे.)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच पटना से एक शिकायत आई है। मतदान केंद्र के बाहर खड़ी दो महिलाओं ने शिकायत की कि उन्हें वोट डालने की अनुमति नहीं दी गई।मतदान केंद्र के बाहर खड़ी श्रेय मेहता ने बताया, बीएलओ ने हमें वोटर स्लिप नहीं दी और कहा कि इसे डिजिटल रूप से डाउनलोड करें। मेरा नाम मतदाता सूची में है। अब मुझे कहा जा रहा है कि बिना स्लिप लाए वोट नहीं डाल सकती। मेरे पास वोटर आईडी कार्ड भी है और सूची में मेरा नाम सीरियल नंबर 17 पर दर्ज है। हम सुबह 6:30 बजे से यहां इंतजार कर रहे हैं। अनुपमा शर्मा ने इस बीच कहती हैं कि मुझे वोट डालने की अनुमति नहीं दी गई। वे कह रहे हैं कि मेरे पास वोटर स्लिप नहीं है। मेरा नाम सूची में है और मेरे पास पहचान पत्र भी है। अब मैं वोट नहीं डालूंगी। मुझे कहा गया है कि 5 मिनट इंतजार करूं। पहली बार हमें ऐसा अनुभव हो रहा है।
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