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पटना

बिहार में इंटर की परीक्षा आज से


  • हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस की तैनाती
  • एग्जाम शुरू होने के 10 मिनट पहले तक प्रवेश, कैमरे की होगी नजर
  • जूता-मोजा में दे सकेंगे परीक्षा मोबाइल पर बैन
  • परीक्षा अवधि में हर सेंटर के दो सौ गज की परिधि में धारा 144

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में इंटरमीडिएट की परीक्षा सोमवार से शुरू हो रही है। परीक्षा संचालन के लिए प्रदेश भर में 1473 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। परीक्षा में बैठने के लिए 13 लाख 50 हजार 233 विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरे गये हैं। इनमें सात लाख तीन हजार 693 छात्र एवं छह लाख 46 हजार 540 छात्राएं हैं। परीक्षा 13 फरवरी तक चलेगी। इसकी तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।

परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था ऐसी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। खास बात यह है कि भीषण ठंड के मद्देनजर इस बार अपवादस्वरूप परीक्षार्थी जूता-मोजा पहन कर परीक्षा दे सकेंगे।

स्वच्छ एवं कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्यसचिव आमिर सुबहानी एवं शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को दिशा-निर्देश दिये गये हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर द्वारा भी जरूरी दिशा-निर्देश दिये जा चुके हैं।

परीक्षा अवधि में प्रत्येक परीक्षा केंद्र के दो सौ गज की परिधि में धारा-144 लागू रहेगी। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं। पुलिस के सशस्त्र जवानों की भी तैनाती की गयी है। इसके साथ ही जोनल मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गयी है। परीक्षा केंद्रों में सीसीटवी कैमरे लगाये गये हैं। प्रत्येक 500 परीक्षार्थी पर एक वीडियोग्राफर की तैनाती की गयी है। मोबाइल फोन सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर बैन लगाये गये हैं।

‘बीएसईबी एग्जाम 2021’ नाम से एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया है, जिससे सभी जिलाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पदाधिकारी जुड़े हैं। ऐसा सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान एवं उसके निराकरण के लिए किया गया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में कंट्रोल रूम खोला गया है, जो शनिवार से काम करने लगा है। यह 13 फरवरी तक काम करेगा।

प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर हर परीक्षार्थी की दो-दो बार तलाशी होगी। पहली तलाशी परीक्षा केंद्र के गेट पर प्रवेश के समय होगी एवं दूसरी तलाशी परीक्षा कक्ष में बैठने पर। परीक्षा में 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक रहेंगे। हर वीक्षक को अपने हिस्से के 25 परीक्षार्थियों की तलाशी के बाद यह घोषणा पत्र देने होगा कि किसी भी परीक्षार्थी के पास कोई आपत्तिजनक सामान नहीं है। परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक प्रवेश मिलेगा।

यदि किसी परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र में तस्वीर की त्रुटि रह गयी हो, तो वे परीक्षा केंद्र पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या फोटोयुक्त बैंक पासबुक में से कोई एक साथ लेकर जायेंगे। इस आधार पर वे परीक्षा में शामिल किये जायेंगे। यदि किसी विद्यार्थी का एडमिट कार्ड घर पर छूट गया हो या गुम हो गया हो, तो उपस्थिति पत्रक में स्कैंड फोटो से पहचान कर और रौल शीट से सत्यापित कर परीक्षा में बैठने की औपबंधिक अनुमति दी जायेगी।

परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट पहले तक ही परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति होगी। देर से आने वाले परीक्षार्थी को उस पाली की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जायेगी। प्रश्नपत्र, उत्तरपुस्तिका और ओएमआर उत्तर पत्रक पढऩे-समझने के लिए परीक्षार्थी को 15 मिनट अतिरिक्त समय मिलेंगे। परीक्षा केंद्र में कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, ईयरफोन सहित सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स लाने पर पाबंदी होगी। दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रति घंटा 20 मिनट अतिरिक्त क्षतिपूरक समय मिलेंगे।

हर जिले में चार आदर्श महिला परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। छात्राओं के लिए बनाये गये आदर्श परीक्षा केंद्रों पर वीक्षक, केंद्राधीक्षक एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट सहित वहां तैनात सभी अधिकारी-कर्मचारी महिलाएं होंगी। पटना जिले में 84 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए पटना जिले के 80 हजार 882 विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरे गये हैं, जिनमें 41 हजार 789 छात्र एवं 39 हजार 93 छात्राएं हैं।