पटना

बिहार में सकड़ों डॉक्टर और नर्स कोविड-19 पॉजिटिव


पटना। बिहार में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात बद से बदत्तर हो गयी है। सरकार ने कोरोना गाइडलाइन के तहत राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। नाइट कर्फ्यू की अवधि रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक होगी। मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में इससे जुड़े तमाम फैसले लिये गये। जिसमें राज्य में 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थान यानी स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे। स्कूलों-कॉलेजों को प्राथमिकता के तौर पर रखा गया है।

पटना के अस्पताल कोरोना मरीजों की जान बचाने के साथ डॉक्टरों की कमी से भी जूझने लगे हैं। सिर्फ राजधानी पटना के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों के 300 से अधिक डॉक्टर और सैकड़ों नर्स, पैरामेडिक्स कोरोना वायरस का शिकार बन गए हैं और होम आइसोलेशन में हैं। अकेले राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 62 डॉक्टर और 50 नर्सें कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। बात अगर NMCH की करें तो यहां 25 डॉक्टर और 27 नर्स कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि ऐसे डॉक्टरों की संख्या प्रत्येक बीतते दिन के साथ बढ़ रही है, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रभावित हो रही है। डॉक्टर अजय के मुताबिक ‘अधिकांश डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कोरोना के टीके की दोनों डोज ली है, इसलिए दूसरी लहर में उन्हें हल्के लक्षण दिखाई दिए।  उनसे वायरस किसी और में न जाए इसके लिए ऐसे डॉक्टरों और नर्सों ने घर पर खुद को आइसोलेट कर लिया है।