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- सरकारी कार्यालयों में महिलाओं की बढ़ेगी भागीदारी
- पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
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(आज समाचार सेवा)
पटना। राज्यपाल फागू चौहान ने कहा है कि आत्म निर्भर बिहार बनाने का संकल्प लोना होगा। सरकारी कार्यालयों यथा थाना, प्रखंड, अनुमंडल एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में महिलाओ की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर पर निर्णय लिया गया है। बिहार के लोगों को पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्यपाल शुक्रवार को बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन दोनों सदनों को संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष २०२० वैश्विक महामारी कोविड १९ सं आक्रांत रहा है। इसका प्रकोप अभी भी जारी है। पूरा देश और पूरा बिहार भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार इस बीमारी की रोकथाम के लिए शुरू से ही सचेत रही है और इस पर लगातार काम कर रही है। इस बीमारी का सामना करते हुए सबको स्वस्थ रखने के लिए राज्य सरकार ने अथक प्रयास किया है। जांच की सुबिधा एवं इलाज की समुचित व्यवस्था की गयी है। सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि बिहार में कोरोना संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर ५८७ रह गयी है। अब तक लगभग पांच लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। टीकाकरण आरंभ होने का यह मतलब नहीं कि लाग सावधानी बरतना छोड़ दें। सभी लोगों को अभी भी पूरी तरह से सजग और सचेत रहना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि व्यवस्था सुदृढ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज का निर्माण एवं राज्य का विकास करना है। संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है। पुलिस तंत्र का सुदृढीकरण किया गया है ताकि वे दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकें। सरकार के संकल्प का परिणाम है कि राज्य में सामाजिक सौहार्द एवं सांप्रदायिक सद्ïभाव का वातावरण कायम है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रशासनिक एवं वित्तीय संरचनाओं को सुदृढ एवं पारदर्शी बनाने के साथ-साथ राज्य के नागरिकों को कानूनी अधिकार देकर सशक्त बनाने की नीति पर लगातार काम किया जा रहा है। राज्य सरकार न्याय के साथ विकास का नजरिया रखते हुए सभी क्षेत्रों एवं सभी तबकों के उत्थान के लिए कृत संकल्पित हैं। राज्य में विकास की रणनीति समावेशी विकेंद्रीकृत होने के साथ आर्थिक प्रगति पर आधारित है। राज्य के अंदर शिक्षा, स्वास्थ, आधारभूत संरचना, कृषि तथा वंचित वर्गां के विकास तथा कल्याण के लिए जो अनेक योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही है उनसे बहुत कुछ हासिल हुआ है और इन सभी को सुदृढ करते हुए क्रियान्वित किया जाता रहेगा।
उन्होंने कहा कि विकसित बिहार की परिकल्पना साकार करने के लिए अब राज्य सरकार ने कुछ नये संकल्प लिये हैं। सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम २०२०-२०२५ के तहत सात निश्चय पार्ट टू को संपूर्ण बिहार में लागू करने का निर्णय लिया गया है। अगले वर्ष की योजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया गया है। युवा शक्ति-बिहार प्रगति, सशक्त महिला-सक्षम महिल, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव। समृद्घ गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ संपर्कता, सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा है।
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष बिहार में पंचायत चुनाव शीघ्र होने वाला है। राज्य के सभी ३८ जिला मुख्यालय में जिला पंचायत प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है। इस व्यवस्था से त्रिस्तरीय पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की सतत व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। बिहार में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इन प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने एपं इनकी निगरानी करने के लिए नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए भागलपुर में बिहार का पहला बर्ड रिंगिंग मौनीटरिंग स्टेशन की स्थापना की गयी है।
राज्य सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रतिवद्ध है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के कार्यक्रमों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। इस पर मिशन मोड में काम हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि जीविका के तहत सृजित सामुदायिक संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सृजित तालाबों एवं पोखरों को उनके रखरखाव एवं उनका उपयोग मत्स्य पालन एवं अन्य उपयोगी गतिविधियों में करने के लिए उन्हें नि:शुल्क जीविका के सामुदायिक संगठनों को देने का निर्णय लिया गया है।
तालाब, पोखर इत्यादि को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ-साथ उसके किनारे बसे लोगों को अपना घर बनाने के लिए जगह एवं गृह निर्माण हेतु राज्य सरकार राशि दे रही है। सरकार न्याय के साथ विकास के मूलमंत्र को केंद्र विंदु में रखते हुए समाज के सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील है।