छात्रोंने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप, जांच शुरू
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सेन्ट्रल लाइब्रेरी में दूसरे तलपर शुक्रवार की सुबह साढ़े आठ बजे अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गयी। उस समय लाइब्रेरी के दूसरे तल पर कई छात्र अध्ययन कर रहे थे। धुंआ उठता देख छात्रों ने तुरंत बाहर निकलकर अपनी जान बचायी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है आग लगने की शुरुआत एक कमरे से हुई जहां उस समय कोई मौजूद नहीं था कमरे में रखे कीमती इलेक्ट्रानिक उपकरण, बैटरी और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर राख हो गये।
छात्रों ने लगाया आरोप-लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों ने दावा किया है कि धुंआ निकलते देख उन्होंने लाइब्रेरी स्टाफ को तत्काल सूचना दी। लाइब्रेरी स्टाफ ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को कई बार काल किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। छात्रों का कहना है कि समय रहते बिजली काटी गयी होती तो भीषण आग नहीं लगती। यही सबसे बड़ी लापरवाही है। इस पुरी घटना के लिए बीएचयू प्रशासन जिम्मेदार ठहराया है।
आग लगते बजाया गया अर्लाम-सेन्ट्रल लाइब्रेरी में भीषण आग लगते ही अर्लाम बजाया गया और छात्रों को परिसर से बाहर निकलने का निर्देश दिया गया कुछ ही मिनट में प्रोफेसर, सुरक्षागार्ड, प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम भी मौके पर पहुंच गयी थी। सेन्ट्रल लाइब्रेरी को पुरी तरह से खाली करा दिया गया था किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी। फायर ब्रिगेड की दो दमकल ने आग पर पाया काबू- सेन्ट्रल लाइब्रेरी में अलसुबह भीषण आग लगने की सूचना पर तत्काल फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी पहुंची दूसरी गाड़ी थोड़ी देर में पहुंची सेन्ट्रल लाइब्रेरी के दूसरे तलपर धुंआ उठते देख छात्र सीढिय़ों से तत्काल भागे। दूसरी गाड़ी काफी देर से आयी। इस देरी के दौरान आग लाइब्रेरी के अन्य हिस्सों की ओर बढ़ती गयी। फायर टीम ने लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया। इसके बाद लाइब्रेरी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। आग में ५० से अधिक कंप्यूटर पूरी तरह जल गये, वहीं ५०-६० लाख की लागत से तैयार सर्वर रूम सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। प्रारंभिक जांच के अनुसार शॉर्ट सर्किट के कारण बैटरी बैकअप सिस्टम में तकनीकी खराबी आयी, जिससे चिंगारी भड़की और आग तेजी से फैल गयी। छात्रों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि आग लगने पर न तो अलार्म बजा और न ही गार्डों को फायर सिस्टम चलाने की प्रशिक्षण जानकारी थी। कई छात्रों का व्यक्तिगत सामान, किताबें और लैपटॉप अभी भी अंदर फंसे हैं, जिन्हें निकालने की अनुमति नहीं दी गयी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारी तय की जायेगी।
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