- रायपुर। प्रदेश में सियासी भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीसीसी चीफ पीएल पुनिया के बयान के बाद ये माना जा रहा था कि मामला खत्म हो गया है। पर मंगलवार को सदन में मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान ने फिर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बृहस्पति सिंह मामले में सिंहदेव ने कहा कि- वो तब तक इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझते जब तक मामले में स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता। ये कहकर वो सदन से उठे और अपने बंगले में चले गए।
कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के आरोपों की एफआईआर कॉपी को जैसे ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में पढ़कर सुनाया तो मंत्री टीएस सिंह देव नाराज हो गए। उन्होंने कहा- मैं भी एक इंसान हूं, मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं। शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है। मैं नहीं समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता।
विधानसभा की दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों पर बवाल हो गया। सदन की कार्यवाही दूसरे दिन भी बाधित रही। शून्य काल में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू मामले में अपना वक्तव्य देने के लिए खड़े हुए। उन्होंने बृहस्पत सिंह द्वारा टीएस सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों की एफआईआर की कॉपी पढ़कर सुना दी। इससे विपक्ष भड़क गया। इसी बीच टीएस सिंहदेव उठे और अपनी बात कहकर नाराजगी जताते हुए सदन से बाहर निकल गए। इसके बाद कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मामला गंभीर है। विधायक ने मंत्री पर आरोप लगाए हैं। मामले में खुद मंत्री ने शासन से जवाब मांगा है। इधर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के बार-बार कहने के बाद भी भाजपा विधायक ध्यानाकर्षण पर बात करने के लिए तैयार नहीं हुए और सदन बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गया।