नई दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। इसके चलते दोनों ही सदनों की कार्यवाही को कुछ देरी के लिए स्थगित भी करना पड़ा। इस बीच सरकार की ओर से दोनों ही सदनों में रक्षा मंत्री ने बयान भी दिया, बावजूद इसके विपक्षी दलों का हंगामा शांत नहीं हुआ है। राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन से बायकाट भी किया।
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर पीएम पर भी निशाना साधा और ट्वीट कर कहा कि वह 2014 के बाद से चीनी राष्ट्रपति से 18 बाद मिल चुके है। दोनों देश की सेनाओं के बीच भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है। वह बताए फिर यह विवाद क्यों? संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सहित विपक्ष दलों ने भारत-चीन सैन्य झड़प के मुद्दे पर नोटिस देकर चर्चा की मांग की।
हंगामे के चलते दोनों सदनों को करना पड़ा स्थगित
हालांकि दोनों ही सदनों की कार्यसूची में पहले से दूसरे विषय शामिल होने से उन्हें इस पर अनुमति नहीं दी गई। जिसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आप सांसदों ने हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान पहले लोकसभा और बाद में राज्यसभा को भी स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रक्षा मंत्री के बयान के बाद लोकसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की मांग की लेकिन उन्होंने यह कहते हुए उनकी मांग को खारिज कर दिया कि किसी भी विषय पर चर्चा का फैसला एडवाइजरी कमेटी में होता है।
सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का औवैसी ने लगाया आरोप
एआईएमआइएम से अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी ने भी चर्चा को लेकर नोटिस दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने सदन से बाहर आकर सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नौ दिसंबर की इस घटना को तब पता चला जब मीडिया ने इसका खुलासा किया। उन्होंने सरकार से विपक्षी दलों को घटना स्थल का दौरा कराने की मांग की। इस बीच राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर सवाल करने की अनुमति न मिलने के बाद खरगे की अगुवाई में कांग्रेस ने बायकाट किया।
साथ ही इस मुद्दे पर लगातार सात ट्वीट कर उन्होंने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘भारत की धरती पर कब्जा हम किसी को नहीं करने देंगे। पूरा देश इस विषय पर एकजुट है। पर आपको देश को साफ- साफ बताना पड़ेगा। गलवान में शहीद हमारे जवानों के लिये, सारे तथ्य बताने चाहिए।संसद में चर्चा करिये।’ इस पर राज्यसभा में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने भी सरकार से पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए चर्चा की मांग की। हालांकि लंच के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस फिर सदन में मौजूद रही। राज्यसभा में एक विधेयक पर चर्चा में भी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रमोद तिवारी ने हिस्सा लिया।