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‘भारत-चीन सीमा से सैनिकों के वापस लौटने की प्रक्रिया पूरी’, China से बातचीत पर राजनाथ सिंह ने दिया ये बयान


 

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 तेजपुर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारत और चीन की ओर से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर चर्चा चल रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा हालात पर अहम अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि भारत और चीन की ओर से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे आगे बढ़ने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। पढ़ें उन्होंने क्या-क्या कहा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने असम के तेजपुर में बॉब खाथिंग संग्रहालय के उद्घाटन समारोह के दौरान बोलते हुए कहा, ‘LAC के साथ कुछ क्षेत्रों में, संघर्षों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर चर्चा चल रही है। हाल की बातचीत के बाद, जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बनी है। यह सहमति समान और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर विकसित हुई है।’

आगे बढ़ने के लिए इंतजार करना होगा: राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा, ‘समझौते में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और चराई से संबंधित अधिकार शामिल हैं। इस सहमति के आधार पर, वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। हम केवल वापसी से आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे, लेकिन इसके लिए हमें थोड़ा और इंतजार करना होगा।’

गौरतलब है कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था के संबंध में एक समझौता हुआ है। इससे पहले चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध 2020 में LAC के साथ पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ। इसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, जिससे संबंधों में काफी तनाव आया।

संबंधों में सुधार के संकेत

हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसने दोनों देशों के बीच कम होते तनाव का संकेत दिया। यह बैठक पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी। शी जिनपिंग और पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध भारत और चीन के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

वहीं भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों देशों के बीच संबंध विशिष्ट असहमतियों से बाधित नहीं होंगे। इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल की जयंती पर उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘ऐसे बहुत से नाम हैं, जिन्हें हमारे इतिहास में उचित स्थान नहीं मिला, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनका बलिदान छोटा था। उनके बलिदानों को याद रखना और उन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।’

सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

उन्होंने कहा, ‘मैं भारत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री और देश की एकता के पीछे के दिमाग सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देता हूं।’ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करते हुए बॉब खथिंग संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। सिंह ने आगे कहा कि भारत में जिस तरह की एकता देखने को मिलती है, वह अद्भुत है। उन्होंने सभी से इस विशेषता को बनाए रखने का आग्रह किया।