भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने अशोका विश्वविद्यालय से प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यम के इस्तीफ़े पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि “भारत में इस हफ़्ते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बड़ा झटका लगा है.”
राजन ने लिखा कि “अशोका विश्वविद्यालय इस हफ़्ते तक अगले एक दशक में केंब्रिज, हार्वर्ड और ऑक्सवर्ड को टक्कर देने की क्षमता रखता था. लेकिन इस हफ़्ते के कदम के बाद इसकी उम्मीद कम रह गई है.”
रघुराम राजन ने प्रताप भानु मेहता को देश के बेहतरीन राजनीति विज्ञानियों में से एक करार दिया.
उन्होंने कहा कि मेहता सरकार के लिए कांटे की तरह हैं. उन्होंने कहा कि वो कोई आम ‘कांटा’ नहीं हैं क्योंकि वो अपने तर्क से बड़े अधिकारियों, सरकार और सुप्रीम कोर्ट को सीख दे देत हैं.