भारत ने मलेशिया को उसके रूसी मूल के विमानों एसयू-30 के लिए एमआरओ (देखरेख, मरम्मत और जीर्णोद्धार) की सुविधा बतौर पैकेज देने का भी प्रस्ताव किया है। रूस पर लगे प्रतिबंधों के कारण मलेशिया को रूसी विमानों के स्पेयर पार्ट्स को हासिल करने में परेशानी हो रही है। माधवन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह रक्षा सौदा बहुत जल्द मंजूर होगा। यह सौदा पक्का होने से अन्य संभावित खरीददार देशों को भी बहुत अच्छा संकेत मिलेगा और तेजस के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। समझौता अंतिम चरण में है और भारत अकेला देश है जो एसयू-विमानों की देखरेख का प्रस्ताव भी दे रहा है। चीन का जेएफ-17 सस्ता विकल्प जरूर था लेकिन वह तेजस के एमके-आइए वैरिएंट के उच्च तकनीकी मापदंडों के मुकाबले में कहीं टिक नहीं रहा था।