7 लाख 52 हजार मानव दिवस सृजित, लगभग 30 करोड़ रूपये व्यय किए गए
(आज समाचार सेवा)
पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि किशनगंज जिला मे मनरेगा योजना लाँकडाउन मे मजदूरों का सारथी बना है। चालू वित्तीय वषर्ष मे 60 लाख मानव दिवस के लक्ष्य के विरूद्ध छह लाख मानव दिवस सृजित किया जा चुका है। किशनगंज जिला में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित मनरेगा योजनाओं में जोरों से काम चल रहा है। मंत्री श्री कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु किशनगंज जिला का श्रम बजट 59 लाख 58 हजार 918 मानव दिवस है जिसमें से अबतक लगभग 7 लाख 52 हजार मानव दिवस का सृजन हो चुका है।
प्रखण्डवार मानव दिवस की बात की जाय तो कोचाधामन प्रखण्ड में 1 लाख 5 हजार मानव दिवस, ठाकुरगंज प्रखण्ड में 1 लाख 12 हजार मानव दिवस, पोठिया प्रखण्ड में 1 लाख 64 हजार मानव दिवस, बहादुरगंज प्रखण्ड में 1 लाख 45 हजार मानव दिवस, दिघल बैंक प्रखण्ड में लगभग 98 हजार मानव दिवस, किशनगंज प्रखण्ड में 89 हजार मानव दिवस एवं टेढ़ागाछ प्रखण्ड में 40 हजार मानव दिवस का सृजन किया गया है। उन्होंने बताया कि किशनगंज जिला में कुल 1 लाख 22 हजार 824 सक्रिय जॉब कार्ड धारी हैं जिसमें से लगभग 40 हजार व्यक्तियों को मनरेगा योजना से रोजगार दिया गया है।
राज्य के बाहर से लौटे 122 परिवार के लोगों को नया जॉबकार्ड बनाकर दिया गया है जिससे 182 व्यक्तियों को जोड़ा गया है, इसके अतिरिक्त 187 व्यक्तियों का नाम पूर्व से निर्गत जॉबकार्ड में जोड़े गए हैं। अबतक जिला में बाहर से लौटकर आये 426 व्यक्तियों को मनरेगा योजना में रोजगार दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि 350 व्यक्तियों को मनरेगा योजना में मेट के रूप में रोजगार दिया गया है।
मनरेगा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विभागीय मंत्री ने बताया कि पर्यावरण के संरक्षण एवं भू-जल की उपलब्धता को देखते हुए मनरेगा योजना के तहत वृक्षारोपण एवं जल स़्त्रोतों के पुनरूद्धार आदि की योजना? संचालित की जा रही है। किशनगंज जिला में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7 प्रखण्डों के कुल 125 ग्राम पंचायतों में 3 लाख पौधारोपण का लक्ष्य है जिसमें से 2 लाख 22 हजार 650 काष्ठ पौधे, 39 हजार 100 फलदार पौधे एवं 38 हजार 250 अन्य पौधे शामिल हैं।
मंत्री श्री कुमार ने बताया कि जिला में वर्त्तमान में 6 ऑगनबाड़ी केन्द्रों में 36 मजदूर, सूखारोधन के 48 योजनाओं में 74 मजदूर, बाढ़ नियंत्रण के 32 योजनाओं में 1 हजार 871 मजदूर, सूक्ष्म सिंचाई के 55 योजनाओं में 3 हजार 662 मजदूर, भूमि विकास के 82 योजनाओं में 3 हजार 513 मजदूर, ग्रामीण सम्पकर्ता के 375 योजनाओं में 14 हजार 674 मजदूर, सार्वजनिक तालाब के 13 योजनाओं में 741 मजदूर, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 885 योजनाओं में 1 हजार 8 मजदूर, व्यक्तिगत तालाब एवं निजी भूमि पर पौधारोपण आदि के 339 योजनाओं में 3 हजार 914 मजदूर यानि कुल 1 हजार 835 योजनाओं में 31 हजार 372 मजदूर काम कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं में कार्यरत मजदूरों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सभी सावधनियॉ बरतने हेतु दिशा-निर्देश विभाग द्वारा भेजे गए हैं जिसमें कार्यस्थल पर सभी मजदूरों को समाजिक दूरी बनाये रखने हेतु आपस में 2 गज की दूरी बनाये रखना, मास्क/गमछा/तौलिया से मुंह/नाक को ढ़ॅककर रखना, हाथ धोने हेतु पानी, साबुन एवं सेनेटाईजर उपलब्ध कराना, खैनी/तम्बाकू का प्रयोग वर्जित करना, खाद्य-सामग्री का आदान-प्रदान नहीं करना, टीकाकरण हेतु मजदूरों को शामिल करना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि किशनगंज जिला में अबतक जीविका से 13 हजार 650 मास्क का क्रय कर मनरेगा मजदूरों के बीच वितरित किया गया है।
किशनगंज जिला में मनरेगा योजनाओं पर व्यय के बारे में विभागीय मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में अबतक अकुशल मजदूरी मद में लगभग 17 करोड़ रूपये तथा अर्द्धकुशल मजदूरी एवं सामग्री मद में लगभग 12 करोड़ 18 लाख रूपये सहित कुल लगभग 30 करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि मनरेगा योजनाओं में राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। राशि की कमी होने पर राज्य सरकार तत्काल अपनी राशि उपलब्ध कराएगी तथा ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु पूरी तत्परता से अपने दायित्वों का निर्वहन करता रहेगा।