नई दिल्ली, । कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सबसे अहम है और ये लोगों का इस जानलेवा से बचाव कर रहा है लेकिन अब विशेषज्ञों ने दावा किया है कि मॉस्क बच्चों के इम्युनिटी पॉवर को कमजोर कर रहा है। इंग्लैंड में विशेषज्ञों के अनुसार पिछले 15 महीनों से कोरोना महामारी के चलते बच्चों ने वायरल संबंधी या अन्य मौसमी फ्लू का सामना नहीं किया है जिसके कारण उनके शरीर महामारी के बाद के दिनों में बग्स से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा का निर्माण करने में सक्षम नहीं हैं।
गार्जियन में प्रकाशित न्यूज के अनुसार विषाणु विज्ञानी Respiratory Syncytial Virus (आरएसवी) के बारे में भी चिंतित हैं, जो एक वायरस है जो फेफड़ों को गंभीर संक्रमण की ओर जाता है, और कई बार एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी मौत हो जाती है। इसके अलावा, इसके लिए कोई टीका नहीं है।
विशेषज्ञों ने बताया कि प्री-कॉविड डेज में आरएसवी किसी अन्य मौसमी बग की तुलना में ज्यादा बच्चों को अस्पताल लेकर आया। हालांकि, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ने महामारी के दौरान बच्चों को इस बीमारी से बचाया हैं। इस मॉस्क ने बच्चों को कोरोना से तो बचाया है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार बाद में बच्चों के लिए आरएसवी अधिक घातक हो सकता है। एक लंबे समय के बाद बच्चे इस बीमारी को फिर से पकड़ लेंगे क्योंकि मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल अंततः समाप्त हो जाएंगे ।
सार्वजनिक स्वास्थ्य वेल्स के लिए सलाहकार डॉ कैथरीन मूर ने कहा “फ्लू की मुझे चिंता है, लेकिन उसके लिए टीका है लेकिन उसका उपयोग होना जरूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी से पहले आरएसवी की वजह से सालाना 30,000 से ज्यादा बच्चों और पांच से कम उम्र के बच्चों को यूनाइटेड किंगडम के अस्पतालों में भर्ती कराया गया ।डॉक्टर कैथलीन मूर ने कहा “बच्चे अतिसंवेदनशील हैं, इसलिए हम बाल रोग में एक महत्वपूर्ण प्रभाव के लिए तैयारी कर रहे हैं।