मुख्यमंत्री ने कहा, यह सिर्फ नृत्य महोत्सव नहीं, बल्कि पिछड़े वर्गों का सम्मान है
रांची/रायपुर। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सिर्फ नृत्य महोत्सव नहीं, बल्कि ऐसे वर्गों के लिए सम्मान है जो शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रहे हैं। यह पूरे देश और विदेश के लिए संदेश है कि अगर हम चाहें तो यह वर्ग हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है। इनके नाम पर विभाग तो बन जाते हैं लेकिन इसके समुचित लाभ से समुदाय वंचित रह जाता है। वे गुरुवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव 2021 के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 से शुरू किया गया है। यह पूरे देश में अपने आप में अलग कार्यक्रम है जहां आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होता है। जनजातीय समाज अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को भौतिकवादी युग में बचाने में संघर्षरत है। ऐसे में इस कार्यक्रम से जनजाति वर्ग को एक ऊर्जा मिलेगी और वे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को अक्षुण्ण रख सकेंगे। सोरेन ने कहा कि परिसर में आयोजित मेला में इन वर्गों की अद्भुत आंतरिक क्षमता भी देखने को मिलेगी, जो प्राकृतिक रूप से इनके साथ जुड़ा रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के आसपास रहता है। उनके खेत, खलिहान, पशु और वनोपज ही इनका धन है। छत्तीसगढ़ शासन वनोपज में एमएसपी देकर ऐसे समुदाय को मदद कर रही है जो सराहनीय है। मेरा मानना है कि गांव समृद्ध होगा तभी देश और राज्य का विकास हो सकता है। ऐसे ही देश और राज्य आगे बढ़ेगा। ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाने और देश के वंचित, पिछड़ों, गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड की आदिवासी समुदाय की बच्चियां खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रहीं हैं। हॉकी की राष्ट्रीय टीम में झारखण्ड की सात बच्चियां शामिल हुईं। यह सभी एक ही जिला से आतीं हैं। राज्य सरकार झारखण्ड में खेल की संभावनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनजातीय समाज के होनहार और प्रतिभाशाली बच्चों को सौ प्रतिशत अनुदान पर यूके भेजकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान किया है। छह बच्चों को चयनित कर हम उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने में सफल रहे हैं। सोरेन ने कहा कि इस महोत्सव में विवाह संस्कार, पारंपरिक त्योहार, अनुष्ठान, फसल कटाई, कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रतियोगिता में झारखण्ड की ओर से विवाह संस्कार की विधा के तहत कड़सा, फसल कटाई के तहत उरांव एवं छऊ नृत्य की प्रस्तुति आदिवासी समुदाय के कलाकार करेंगे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्रीगण, राज्यसभा सदस्य बीके हरिप्रसाद, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन आदि उपस्थित थे।