श्रीनगर, : आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन यासीन मलिक (Yasin Malik) टेरर फंडिंग (Terror Funding Case) के अलावा और भी कई केस चल रहे हैं। इनमें से एक केस वायुसेना के चार अधिकारियों को बलिदान करने का भी है। मलिक पर आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में वायुसेना के अधिकारियों पर हमला किया था। इस हमले में रवि खन्ना समेत वायुसेना के चार अधिकारी बलिदान हुए थे।
वायुसेना के बलिदानी अधिकारी रवि खन्ना की पत्नी निर्मला खन्ना ही नहीं, यासीन मलिक के इशारे पर कश्मीर में मौत के घाट उतारे गए लोगों के स्वजन का कहना है कि अदालत का फैसला कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के अंत की शुरुआत है। बेशक उस पर अभी निर्दाेषों के कत्ल के मामले की सजा का एलान नहीं होने जा रहा है, लेकिन 25 मई को जब उसे टेरर फंडिंग मामले में सजा सुनाई जाएगी तो उसके बाकी गुनाहों का हिसाब भी शुरू हो जाएगा। जिस तरह से हम अपनों की मौत पर तड़पें हैं, उस तरह अब वह भी तड़पेगा। इस बार जेल की काल कोठरी का एक-एक दिन उसके लिए भारी होगा।