नई दिल्ली, में रूसी सेना आक्रामक मूड में दिख रही है। यूक्रेन पर मिसाइल हमले के बाद रूसी सेना ने ईरानी ड्रोन से कीव पर हमला किया है। खास बात यह है कि यूक्रेनी सेना के पास इस ईरानी ड्रोन की कोई काट नहीं है। अब यह कयास तेज हो गए है कि रूसी सेना के मिसाइल और ईरानी ड्रोन के प्रहार को रोकने के लिए इजरायल अपना एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराएगा। यूक्रेन पर मिसाइल हमले के बाद नाटो ने भी कहा था कि यूक्रेनी सेना को इजरायली डिफेंस सिस्टम की जरूरत महसूस हो रही है। आइए जानते हैं कि इस डिफेंस सिस्टम की क्या खासियत है। रूसी मिसाइलों एवं ईरानी ड्रोन से यह कैसे यूक्रेन की राजधानी कीव की रक्षा करेगी। इस डिफेंस सिस्टम की क्या खूबियां हैं।
दुश्मन सेना के मिसाइल और ड्रोन के लिए काल है डोम (Israeli Iron Dome)
इजरायली सेना के पास आयरन डोम सिस्टम है। आयरन डोम एक एयर डिफेंस सिस्टम है। यह एक बहुउद्देशीय युद्धक हथियार है। डिफेंस सिस्टम में लगे इंटरसेप्टर इतने शक्तिशाली हैं कि दुश्मन सेना के मिसाइल राकेटों और ड्रोनों की सही स्थिति का अंदाजा लगाकर हवा में ही उसे ध्वस्त कर देते हैं। इतना ही नहीं यह एयर डिफेंस सिस्टम युद्धक विमानों एवं हेलीकाप्टर को भी ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। यह रूसी सेना के मिसाइलों एवं ईरानी ड्रोन से यूक्रेन की राजधानी कीव की रक्षा कर सकते हैं।
इजरायली डोम दुनिया की बेहतरीन रक्षा प्रणाली (Iron Dome Defence System)
इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को आयरन डोम कहा जाता है। इजरायली सेना का दावा है कि यह डिफेंस सिस्टम दुश्मन सेना की 90 फीसद मिसाइलों को हवा में ध्वस्त करने में सक्षम है। यह दुश्मन के ड्रोन को भी लक्ष्य पर पहुंचने से पहले ध्वस्त कर सकता है। इजरायली डोम दुनिया की बेहतरीन रक्षा प्रणाली है। इसका निर्माण इजरायली कंपनी राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने संयुक्त रूप से किया है। इजरायली डिफेंस सिस्टम किसी भी मौसम में कारगर है। इजरायल के इस डिफेंस सिस्टम का लोहा अमेरिका भी मानता है।
दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेरने में कामयाब है डिफेंस सिस्टम
इसकी खास बात यह है कि यह डिफेंस सिस्टम एक साथ दो हजार टारगेट को ध्वस्त कर सकता है। इजरायल अपने नागरिकों की रक्षा के लिए इसका उपयोग करता है। इतना ही नहीं यह दुश्मन के क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन व किसी अन्य हवाई हमलों को विफल करने की क्षमता रखता है। इजरायल का डिफेंस सिस्टम रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों से लैस है। इसमें लगे रडार दुश्मन मिसाइलों का ही नहीं बल्कि उक्त मिसाइल कहां गिरेगी इसकी भी सटीक जानकारी देता है। इससे दुश्मन के मंसूबों पर पानी फिर जाता है।
यूक्रेन जंग में रूसी सेना के आक्रामक तेवर
गौरतलब है कि यूक्रेन जंग अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। रूस यूक्रेन जंग में बेलारूस के आने से युद्ध के समीकरण एक खतरनाक संकेत दे रहे हैं। यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना के आक्रामक तेवर को देखते हुए नाटो ने भी जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस लिया है। खासकर क्रीमिया पुल के ध्वस्त होने के बाद रूसी सेना ने जिस तरह से यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलों से हमला किया है, उसके बाद से नाटो और रूस आमने-सामने आ गए हैं।
इस युद्ध में बेलारूस की सक्रियता से यह तनाव और बढ़ गया है। बेलारूस ने रूसी सेना के लिए जिस तरह से मदद का ऐलान किया है उससे नाटो और आक्रामक हो गया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेलारूस की जमीन का उपयोग परमाणु हमले के लिए कर सकते हैं। इसके पीछे उनकी सोची समझी रणनीति है। विशेषज्ञों की राय है कि यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील हो सकता है।