मीटर लगनेके पहले और बाद के आंकड़े जारी करनेकी मांग
लखनऊ (आससे.)। प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। प्रदेश में 15 अक्टूबर तक कुल 44 लाख 37 हजार 726 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं। जिनमें से 20 लाख 66 हजार 585 मीटरों को प्रीपेड मोड में कन्वर्ट भी कर दिया गया है। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उनके बिजली बिल पहले से अधिक आ रहे हैं, जिससेउपभोक्ता वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस मामले में सवाल उठाते हुए कहा है कि जिन उपभोक्ताओं के मीटर प्रीपेड में कन्वर्ट किए गए हैं, उन्हें नियमानुसार दो प्रतिशत की रिबेट मिलनी चाहिए। ऐसे में उनका बिजली बिल स्वाभाविक रूप से दो प्रतिशत कम होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो यह चिंता का विषय है। उन्होने कहा कि पावर कॉरपोरेशन और प्रदेश की बिजली कंपनियों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे इस पूरे मामले में पारदर्शिता लाएं और सार्वजनिक रूप से यह आंकड़े जारी करें। अगर आंकड़ों की तुलना में यह स्पष्ट होता है कि 2 फीसदी की रिबेट का असर बिल में दिख रहा है, तो यह साबित होगा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर ठीक काम कर रहे हैं। लेकिन अगर बिल में भारी अंतर पाया जाता है, तो तत्काल इस प्रक्रिया को रोकते हुए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की एक्यूरेसी जांच के लिए उन्हें राष्ट्रीय विद्युत प्रयोगशाला में भेजा जाना चाहिए। श्री वर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं का भरोसा बनाए रखने के लिए बिजली कंपनियों को पारदर्शिता से आंकड़े जारी करने होंगे, ताकि प्रदेश में उपभोक्ता संतुष्टि के साथ बिजली व्यवस्था को विश्वसनीय बनाया जा सके।
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