लखनऊ । उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक ट्वीट ने बुधवार को विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ चुके उत्तर प्रदेश की राजनीति में वे लहरें पैदा कर दीं, जो कुछ ही घंटों में तूफान बन गईं। केशव प्रसाद ने लिखा- ‘अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है…।’ साथ ही हैशटैग किया- ‘जय श्री राम, जय शिव शंभू, जय श्री राधे-कृष्ण।’ यह भारतीय जनता पार्टी के भगवा एजेंडे का संकेत माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मथुरा भी मुद्दा बन सकता है।
‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे…!’ देश और प्रदेश की राजनीति को बड़े घटनाक्रम दिखा चुका यह संकल्प अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ सिद्धि की ओर है तो अब फिर राजनीति नए मार्ग पर कदम बढ़ाती दिख रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट में ‘…अब मथुरा की तैयारी’ के यही अर्थ निकाले जा रहे हैं कि अयोध्या के ढांचा विध्वंस की बरसी (छह दिसंबर) के ऐन पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुद्दे को धार देने के प्रयास शुरू हो चुके हैं।
दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति ने भी करवट ली है। दशकों तक अयोध्या से पर्याप्त दूरी बनाए रहे और खुद को ‘सेक्युलर’ कहने वाले गैर भाजपाई दलों के नेताओं ने धीरे-धीरे हिंदुत्व की ओर भी सधे कदम रखे हैं। भाजपा पर भगवान राम के नाम पर राजनीति का आरोप लगाने के साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव यदा-कदा भगवान कृष्ण को अपना आराध्य बताते रहे हैं। वह मथुरा, चित्रकूट सहित कई धर्मस्थलों पर गए, वहां से राजनीतिक कार्यक्रमों की भी शुरुआत की।
इसी तरह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंदिर-मंदिर जाना शुरू किया और बसपा ने भी ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्धजन सम्मेलनों की शुरुआत अयोध्या से की। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी रामलला के दर्शन करने पहुंचे। अखिलेश के मुंह से निकला ‘जिन्ना’ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘अब्बाजान’ शब्द के साथ तंज चर्चा-चटखारों में रहा है।