पंजाब की जेल में बंद माफिया नेता मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी भेजे जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बीच पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह का एक फेसबुक पोस्ट भी चर्चा में है।
यूपी सरकार द्वारा शैलेंद्र सिंह पर दायर मुकदमे को वापस लिये जाने के बाद फेसबुक पोस्ट में उन्होंने दावा किया है कि 2004 में मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने उनके ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया था।
शैलेंद्र सिंह के अनुसार तब सरकार की बात नहीं मानने के कारण उन्हें पुलिस उपाधीक्षक पद से इस्तीफा देना पड़ा था। साथ ही इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के ही इशारे पर उनके ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और जेल में डाला गया।
बता दें कि 2004 में मुख्तार अंसारी पर आतंकवाद रोधी कानून ‘पोटा’ के तहत कार्रवाई करने वाले शैलेंद्र सिंह पर दर्ज तोड़फोड़ और बलवा करने के एक मुकदमे की वापसी के राज्य सरकार के फैसले पर वाराणसी की एक अदालत ने भी मुहर लगा दी है।
2004 में जब मैनें माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने…
शैलेंद्र सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में इसका भी जिक्र किया है और कहा है कि जब योगी सरकार बनी तो मुकदमे को वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने पिछली छह मार्च को स्वीकृति दी। केस खत्म करने को लेकर शैलेंद्र सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार का आभार भी जताया है।
शैलेंद्र सिंह ने जनवरी 2004 में यूपी एसटीएफ के वाराणसी प्रभारी रहने के दौरान भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के पूर्व मुख्तार अंसारी के द्वारा एलएमजी खरीदने की घटना का खुलासा करने के साथ ही उस पर पोटा लगाया था।