लखनऊ, देश में अभी तक मंकी पाक्स का एक भी पुष्ट रोगी नहीं मिला है। मगर बीते शुक्रवार को गाजियाबाद में एक संदिग्ध मरीज सामने आने के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस रोगी का सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट््यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी), पुणे भेजा गया है। वहीं इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। अब तक करीब 30 देशों में मंकी पाक्स के साढ़े पांच सौ रोगी मिल चुके हैं। यूपी में संक्रमण न फैले इसके लिए 80 हजार निगरानी समितयों को अलर्ट कर दिया गया है। यह बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखेंगी।
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेदब्रत सिंह ने बताया कि निजी अस्पताल द्वारा एक किशोरी में मंकी पाक्स की संभावना जताए जाने से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सहमत नहीं है, लेकिन कान का इलाज कराने पटना से आई किशोरी का परिवार भयभीत हो गया। ऐसे में उसका सैंपल जांच के लिए भेजने का फैसला किया गया।
उन्होंने बताया कि अभी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा व यूनाइटेड किंगडम सहित करीब 30 देशों में इसके रोगी सामने आए हैं। यह एक वायरल बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं।