इस दौरान सीएम ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए इशारों-इशारों में कहा कि यूपी आएंगे तो मंदिर भी याद आने लगता है. कहते हैं वृंदावन को बचाओ. अरे, जिसका कंस बाल बांका नहीं कर पाया उसका और कौन बाल बांका कर पायेगा. जब सेना बॉर्डर पर दुश्मनों को जवाब देती है तो सेना को हतोत्साहित किया जाता है. आपके पास इटली जाने का समय था, अमेठी आने का नहीं. ये मानसिकता हम सबको चिंता में डालती है.
‘स्वाभिमानी व्यक्ति होगा पटककर मारेगा’
सीएम योगी ने कहा कि कोविड के दौरान भी मुझसे 1000 बस देने की बात कही गई. एक माता जी ने तो जीवन भर की कमाई दे दी. कांग्रेस महासचिव का पत्र आया कि 1000 बस देना चाहती हूं, मैं खुश हुआ. लेकिन जब जांच कराई तो कोई स्कूटर तो कोई थ्री व्हीलर निकला. ये मज़ाक नहीं था तो क्या था? हर चीज़ में राजनीति नहीं करनी चाहिए. किसी के यहां दुःखद घटना होगी और आप डीजे बजायेंगे तो कैसा लगेगा? स्वाभिमानी व्यक्ति होगा पटककर मारेगा. अब केरल में भी जाकर यही किया जा रहा है. अगर कांग्रेस बस देना चाह रही थी तो कोटा में फंसे छात्रों को बस क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? महामारी के दौरान कांग्रेस ने भद्दा मज़ाक किया.सपा नेता क्यों हो रहे परंपरा से नाराज
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश की न्यायपालिका की बडी जीत है. राम मंदिर निर्माण में लोग सहर्ष सहयोग कर रहे हैं. अयोध्या में दीपोत्सव को भी भव्यता के साथ आयोजित किया गया. काशी में देव दीपावली के बाद प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन हो रहा है. ये तो हम सभी की परंपरा है, पता नहीं सपा नेता क्यों नाराज हो रहे हैं? पहले विभाजनकारी राजनीति करने वाले आज भी वही कर रहे हैं. आज विदेशों में लोग अपनी पहचान छुपाकर खुद को भारतीय बताते हैं. पाकिस्तानी बताने पर लात-जूते चलने लगते हैं. भारत से हज पर भी जाने वालों की हिंदू के रूप में पहचान होती है. हिंदू को सांप्रदायिक कहने वाले अपनी विरासत का अपमान किए हैं. ये लोग अयोध्या, काशी, मथुरा और शक्तिपीठों का सम्मान नहीं करते.
हम किसानों को नहीं बांटते
आज ही यूपी को पीएम किसान सम्मान निधि में सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए सम्मान मिला है. देश मे सर्वाधिक यूपी के लोगो को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है. हमने किसान को बांटने का काम नहीं किया. कृषि कानून न लागू होने से किसान और जनता परेशान हो रही है. पीएम की कई किसान योजनाओं से किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन हुआ. एमएसपी की घोषणा से ही एमएसपी नहीं मिल जाती. एमएसपी देने के लिए क्रय केंद्र स्थापित करने पड़ते है. हमारी सरकार में 17-18 में 36.99 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई. 2018-19 में 52.99 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई. 11 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला. कोविड के दौरान 119 चीनी मील चलाई गईं. 2020-21 में 1925 रुपये/कुंतल 35.67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई. 20-21 में 1868रु/कुंतल से 66 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर 12.78 लाख किसानों को लाभ दिया.