नई दिल्ली, । पाकिस्तान की सियासत में एक बार फिर भारत केंद्र में है। पक्ष और विपक्ष दोनों भारत की माला जप रहे हैं। इमरान खान भारत की क्षमताओं की तारीफ कर रहे हैं तो विपक्ष इमरान को भारत में रहने का सुझाव दे रहा है। आखिर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के दौर में पक्ष और विपक्ष को भारत क्यों याद आता है। क्या इमरान का भारत प्रेम जाग गया है। सत्ता में रहते हुए उन्होंने इस तरह की तारीफ क्यों नहीं की। उनकी तारीफ के क्या मायने हैं। आइए जानते हैं कि इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।
1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि पाकिस्तान की राजनीति में भारत हरदम एक बड़ा फैक्टर रहा है। यूं कहा जाए कि संकट काल में पाकिस्तान की सियासत भारत के इर्द-गिर्द ही घूमती है। दरअसल, पाकिस्तान में सत्ता पक्ष देश के आंतरिक समस्या से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह सब खेल करता है। इतना ही नहीं पाकिस्तान में जब-जब सैन्य तख्तापलट हुआ तब-तब भारत ही केंद्र में रहा है। पाकिस्तानी सेना ने सदैव भारत का ही भय दिखाया है। अब एक बार फिर पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता है, ऐसे में पाकिस्तान की सियासत भारत की ओर मुड़ गई है। इसमें कोई अचरज की बात नहीं है।
2- प्रो पंत ने कहा कि पाकिस्तान में विपक्ष का मुद्दा सिर्फ इमरान खान हैं। इमरान की सरकार है। संयुक्त विपक्ष को पाकिस्तान की गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि किसी विपक्षी दल ने यह नहीं बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए उनकी पार्टी क्या-क्या करेगी। उनके पास इसका कोई रोडमैप नहीं है। पाकिस्तान का पूरा विपक्ष केवल इमरान खान की सरकार को हटाने में जुटा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी भ्रष्टाचार के नाम पर बहुमत में आई, लेकिन हुआ क्या। ये दुनिया जानती है। भ्रष्टाचार के नाम पर विपक्षी नेताओं का उत्पीड़न किया गया। आज पाकिस्तान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। महंगाई चरम पर है। इन साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में पाकिस्तान वहीं खड़ा है, बल्कि उसकी हालत और खराब हुई है।
3- उन्होंने कहा कि हालांकि, इमरान खान ने भारत की तारीफ बेवजह नहीं किया है। उन्होंने भारत का सही विश्लेषण किया है। प्रो पंत ने कहा कि भारत में मोदी के नेतृत्व में एक स्थिर और स्थाई सरकार का गठन हुआ है। विदेश नीति के मोर्चे पर मोदी सरकार काफी सफल रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मौके आए हैं जब भारतीय विदेश नीति का लोहा दुनिया ने माना है। उन्होंने कहा कि ताजा मामला रूस यूक्रेन जंग का ही ले तो भारत अमेरिका और पश्चिमी देशों के समक्ष नहीं झुका। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी विदेश नीति के केंद्र में राष्ट्रीय हित हैं। रूस पर तटस्थता की नीति से भारत पीछे नहीं हटा।
इमरान ने भारतीय विदेश नीति की तारीफ की
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वापस संसद बहाल करने के निर्णय की आलोचना की थी। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए भारत की जमकर तारीफ भी की थी। इमरान ने कहा था कि किसी विदेशी ताक़त की हिम्मत नहीं है कि वो भारत की विदेश नीति में दखल दे सके। भारत एक खुद्दार देश है। इस दौरान उन्होंने भारतीय विदेश नीति की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है और हर दबाव को दरकिनार कर वह रूस से तेल ले रहा है।
मरियम नवाज ने इमरान को दिखाया आइना
पाकिस्तान में पीएमएल-एन की नेता मरियम नवाज ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री इमरान खान को कहा है कि अगर भारत इतना ही पसंद है तो वहीं शिफ्ट हो जाइए, और पाकिस्तान की जान छोड़िए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को देश को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वापस संसद बहाल करने के निर्णय की निंदा की थी। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए भारत की तारीफ भी की थी। मरियम ने ट्वीट किया था कि जिस भारत की प्रशंसाएं कर रहे हो वहां विभिन्न प्रधानमंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का इतिहास है। किसी एक ने भी संविधान, लोकतंत्र और नीति से खिलवाड़ नहीं किया। वाजपेयी एक वोट से हारे, घर चले गए। आप की तरह देश, संविधान और जनता को बंधक नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए इस तरह किसी को रोते हुए पहली बार देखा है। रो रहे हैं कि मेरे लिए कोई नहीं निकला। ओ भाई आंखें खोल के देखो, गरीब जनता को उन साढ़े तीन सालों में जिस तरह तुमने रुलाया है, तिल-तिल कर के मारा है, वो शुकराने की नफिल पढ़ रहे हैं कि तुम जैसे से जान छूटी। जाते-जाते संविधान भी तोड़ गए।