- जयपुर, । राजस्थान में राजनीतिक हलचल के बीच बड़ी खबर आ रही है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को तीन मंत्री पद की पेशकश की गई है। पिछले सप्ताह के आखिर में पायलट की दिल्ली यात्रा के बाद राजस्थान कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट फेरबदल में सचिन पायलट को तीन मंत्री पदों की पेशकश की गई है।
इसके साथ ही पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख को निगम और बोर्डों में उचित प्रतिनिधित्व देने का वादा भी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पायलट खेमा अपने लिए पांच से छह मंत्री पद चाहता था लेकिन उसे सिर्फ तीन ही देने का भरोसा दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद पर संख्या अधिक नहीं हो सकती है। हालांकि अभी बातचीत जारी है।
कैबिनेट में 9 पद खाली
सूत्रों की मानें तो अशोक गहलोत कैबिनेट में नौ पद खाली हैं और इसे भरने की प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है। पार्टी को जहां सचिन पायलट को साधना है वहीं 18 निर्दलीय और कांग्रेस में शामिल हुए बसपा नेताओं का भी ख्याल रखना है। इसके साथ ही पार्टी में कई जनाधार वाले विधायक हैं जो छह से सात बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंच चुके हैं। पार्टी ऐसा कोई जोखिम नहीं ले सकती जिससे इन विधायकों में नाराजगी फैले।
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी टीम में उस बदलाव का विरोध किया है जिसका वादा कांग्रेस नेतृत्व ने दिल्ली में सचिन पायलट से किया था। इसके मुताबिक पायलट खेमे को राजस्थान में सरकार और पार्टी इकाई में बेहतर प्रतिनिधित्व देने का वादा करके शांत किया था। 2019 में जब सचिन पायलट नाराज थे तब गांधी परिवार ने पायलट की नाराजगी शांत की थी।
जब नाराज हो गए थे पायलट
उस समय पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विवाद सार्वजनिक हो गया था जिसके बाद पायलट अपने खेमे के 18 विधायकों के साथ एक महीने से अधिक समय तक हरियाणा और दिल्ली में डेरा डाले रहे थे। पायलट को बाद में उपमुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से भी हटना पड़ा था। अटकलें लगाई जा रही थीं कि पायलट अपने खेमे के साथ बीजेपी में शामिल हो जाएंगे लेकिन आखिरकार पार्टी के अंदर ही मामला सुलझा लिया गया था। उस समय कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने इसमें अहम भूमिका अदा की थी।