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रामपुर उप-चुनाव की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट का ब्रेक, 10 नवंबर को अयोग्यता के खिलाफ आजम खान की अपील पर फैसला


सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान की रामपुर सदर सीट के लिए 10 नवंबर को जारी होने वाली उप-चुनाव की अधिसूचना को एक दिन के लिए रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को आदेश दिया है कि वो सजा के खिलाफ आजम खान की अपील पर गुरुवार यानी 10 नवंबर को सुनवाई करे और उसी दिन फैसला करे। कोर्ट के इस फैसले से रामपुर के उप-चुनाव का भविष्य भी तय होगा क्योंकि इसी सजा के आधार पर आजम खान को अयोग्य घोषित करते हुए रामपुर सीट को रिक्त घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो चाहे तो 11 नवंबर या उसके बाद किसी भी दिन रामपुर में उप-चुनाव की घोषणा कर सकता है।

भड़काऊ भाषण के मामले में सजा मिलने और उनकी सीट रिक्त घोषित कर चुनाव के ऐलान के खिलाफ आजम खान सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। आजम ने आरोप लगाया है कि उन्हें सजा के खिलाफ अपील का मौका भी नहीं दिया गया है।

आजम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीआई चंद्रचूड़ की बेंच ने पहले चुनाव आयोग से भी नोटिफिकेशन रोकने पर राय मांगी थी। इसके बाद रामपुर की स्पेशल सेशन कोर्ट को आजम खान की अपील पर कल ही सुनवाई करने और फैसला सुनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही चुनाव आयोग से कहा कि आजम खान की सेशन कोर्ट में अपील पर फैसले के बाद वह 11 नवंबर या उसके बाद उपचुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर सकता है।

आजम खान को भड़काऊ भाषण के मामले में रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने 27 अक्टूबर को तीन साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन्हें जमानत भी दे दी थी। सजा के अगले ही दिन 28 अक्टूबर को विधानसभा से आजम खान की सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था। इसी को आधार मानते हुए आजम ने याचिका दायर की थी।

आजम खान को 2019 में दर्ज भड़काऊ भाषण के एक केस में दोषी करार देते हुए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी। जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने पर जनप्रतिनिधि पद से अयोग्य घोषित हो जाता है। आजम खान ने इसी सजा के खिलाफ अपील की है जिस पर सुनवाई ना होने की वजह से वो सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।