पटना/मुजफ्फरपुर: चुनावी रणनीतिकार और बिहार में जन सुराज पैदल यात्रा निकाल रहे प्रशांत किशोर ने सोमवार को मुजफ्फरपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में जिसके लिए आपने वोट दिया है, वो थोड़े कम या ज्यादा, लेकिन आपके वे सभी काम हो रहे हैं। इस दौरान प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के कामकाज का उदाहरण दिया।
प्रशांत किशोर ने जन सुराज यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए तंज कसा कि आपने और हमने बिहार में हर घर में पांच किलो अनाज के लिए मोदी को वोट दिया। बिहार में कितना भी भ्रष्टाचार और चोरी हो, लेकिन एक किलो चोरी कर कम से कम चार किलो अनाज तो आपको मिल ही रहा है।
अयोध्या में बन रहा राम मंदिर
पीके ने कहा कि आपने और हमने राम मंदिर बनाने के लिए वोट दिया है। बिहार में नाली-गली, सड़क, स्कूल और फैक्ट्री बने चाहे या नहीं, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। उन्होंने लोगों से पूछा कि बताइए अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है कि नहीं? इस पर लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ हां में जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि आपने और हमने पीएम मोदी को हर घर सिलेंडर देने के लिए वोट दिया। सिलेंडर मिल रहा है, फिर चाहे बेशक 1200 में मिले या 1400 में, लेकिन मिल रहा है ना।
पीके ने आगे कहा कि आपने मोदी के चेहरे पर वोट दिया तो हर रोज उनका चमकता चेहरा पर टीवी पर नजर आ रहा है। आपने गुजरात के विकास की कहानी सुनकर वोट किया तो गुजरात में बुलेट ट्रेन चल रही है, वहां फैक्ट्री चल रही हैं और आपके बच्चे गुजरात में जाकर मजदूरी कर रहे हैं।
पीके बोले- हर घर हो रही जाति की चर्चा
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि आपने और हमने हर घर बिजली आने के लिए नीतीश कुमार को वोट दिया। हर घर बिजली आ रही है फिर बेशक बिजली का बिल दो हजार आए या फिर आठ हजार। हम लोगों ने जाति के नाम पर वोट दिया। बिहार में और कुछ हो या नहीं, लेकिन घर-घर में जाति चर्चा और जाति की गिनती हो रही है।
प्रशांत किशोर ने पूछा, आप लोग बताइए कि आपने इन सभी के लिए वोट किया और ये काम सभी थोड़े कम या ज्यादा, लेकिन काम हो रहे हैं कि नहीं ? लोगों ने हां में जवाब दिया।
प्रशांत ने आगे कहा कि आपने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए वोट नहीं दिया। आपने अपने बच्चों के रोजगार के लिए वोट नहीं दिया। आपने अपनी फसल के अच्छे दाम मिलें, इसके लिए वोट नहीं दिया।
पीके ने कहा कि आपको खिचड़ी खानी है, लेकिन खिचड़ी बनाइएगा नहीं तो खाइएगा कैसे, यही बात आपको समझाने के लिए हम कई महीनों से पैदल चल रहे हैं। अगर आप अपने बच्चों की चिंता नहीं करें तो कोई नेता या कोई दल आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा।