नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में सांसदों और विधायकों ने अपने मताधिकार का भरपूर इस्तेमाल करते हुए देश के 15वें राष्ट्रपति के मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस दौरान राष्ट्रपति चुनाव की मतदाता सूची के वर्तमान सदस्य 4796 विधायकों व सांसदों में से 99 फीसद से अधिक ने नया राष्ट्रपति चुनने के लिए अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इसमें छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश समेत 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 100 फीसदी विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट डाला। राष्ट्रपति चुनाव में झमाझम मतदान के इस आंकड़े के बाद एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की भारी अंतर से जीत के साथ देश का नया राष्ट्रपति बनना तय हो गया है।
राष्ट्रपति चुनाव में गोवा से लेकर असम और महाराष्ट्र से लेकर उत्तरप्रदेश तक में जिस तरह क्रॉस वोटिंग की खबरे सामने आयी है उससे साफ है कि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए साढे तीन लाख वोटों का आंकड़ा पार करना भी चुनौती होगी। क्रॉस वोटिंग की शिकायतें सबसे ज्यादा विपक्षी खेमे से ही आयी हैं और इसका नुकसान जहां सिन्हा को होगा वहीं इसकी वजह से द्रौपदी मुर्मू की जीत का फासला भी बढ़ेगा।
संसद भवन परिसर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ और शुरूआत में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सत्तापक्ष के तमाम दिग्गजों ने वोट डाला। विपक्षी खेमे के दिग्गज भी चुनाव नतीजे की परवाह किए बिना जोश के अंदाज में वोट डालकर बाहर निकलते दिखाई दिए।
पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर विशेष रुप से मतदान करने के लिए दोपहर में आए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, डेरेक ओब्रायन, टीआर बालू आदि ने भी उत्साह के साथ वोट डाला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोपहर करीब तीन बजे जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी और डीके सुरेश के साथ वोट डालने पहुंची।
इसके तुरंत बाद कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी अकेले वोट डालने पहुंचे। वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मतदान खत्म होने से कुछ मिनट पहले जाकर अपने मताधिकार का उपयोग किया। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी और वन पर्यावरण तथा श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव लगातार मतदान के दौरान चौकस दिखे और सत्ताधारी पक्ष के सांसद निरंतर अपना वोट डालते रहें यह सुनिश्चित करने में जुटे रहे।
संसद भवन के साथ ही 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में राष्ट्रपति चुनाव की मतदाता सूची में शामिल सभी 4796 सांसदों व विधायकों में से 99 फीसद से अधिक सदस्यों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। विधायक अनंत कुमार सिंह और महेंद्र हरि दल्वी सदस्यता गंवाने के चलते वोट करने के लिए अयोग्य ठहराए गए।
इसके अलावा राज्यसभा में छह और राज्यों की विधानसभाओं में छह सीटें खाली हैं। वर्तमान 771 सांसदों में से अधिकांश ने संसद भवन परिसर में अपना वोट डाला लेकिन 44 ऐसे सांसद भी रहे जिन्होंने पूर्व अनुमति लेकर राज्य विधानसभाओं में अपने मताधिकार का उपयोग किया। 727 सांसदों व नौ विधायकों ने संसद भवन में वोटिंग के लिए अनुमति ली थी जिसमें से आठ सांसद गैर हाजिर रहे।
राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग में 10 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभाओं में 100 फीसद वोटिंग दर्ज की गई। छत्तीसगढ, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, पुडुचेरी, सिक्किम और तमिलनाडु के जन प्रतिनिधियों ने शत प्रतिशत मतदान किया।
कोविड संक्रमण को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए थे और दो कोविड संक्रमित तमिलनाडु के विधायकों ने वहां की विधानसभा में वोटिंग के आखिरी समय में अपना मत डाला। जबकि केरल के एक कोविड पीडि़त सांसद ने तिरूअनंतपुरम में अपने मताधिकार का उपयोग किया।
वोटिंग के आंकड़े के साथ द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हुई क्रास वोटिंग को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि एनडीए उम्मीदवार को साढे छह लाख से अधिक वोट मिलेगा वहीं विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए साढे तीन लाख का आंकड़ा छू लेना ही अहम होगा।
मतदान के बाद सभी 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से बैलेट बाक्स को दिल्ली लाया जा रहा है और सभी मत पेटियां मंगलवार को संसद भवन के स्ट्रांग रूम में पहुंच जाएंगी। 21 जुलाई को मतगणना के बाद द्रौपदी मुर्मू को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित किए जाने की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।