रेफरल से ससमय अगर सदर अस्पताल पहुंचती तो नहीं जाती अंजली की जान
रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। प्रखंड मुख्यालय स्थित मदर्स हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर के चिकित्सकों की लापरवाही से एक प्रसव पीड़िता अंजली देवी की जान चली गई। परिजनों ने शव के साथ नर्सिंग होम के आगे राज्य उच्च पथ 65 को घंटों जाम कर जमकर बबाल काटा। परिजनों के आक्रोश को देखते ही नर्सिंग होम संचालक डॉ. आर के रवि, डॉ.एस के मिश्रा और उसके अधीनस्थ कर्मी अस्पताल छोड़ फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही अगर रूपौली थानाध्यक्ष मनोज कुमार नहीं पहुंचते तो मदर्स हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर नर्सिंग होम का ढ़ांचा आक्रोशित लोगों की भेंट चढ़ जाता।काफी मशक्कत के बाद रूपौली थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने आक्रोशित भीड़ को समझा बुझाकर सड़क जाम हटाया।
पीड़ित मृतका अंजली देवी के पति रूपौली गांव निवासी संतोष कुमार ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को आशा कार्यकर्ता निर्मला देवी के साथ रेफरल अस्पताल रूपौली में बीते 08 जनवरी को भर्ती कराया।जहाँ चिकित्सा पदाधिकारी ने स्थिति की गंभीरता को देख हायर सेंटर रेफर कर दिया। किंतु आशा कार्यकर्ता के बहकावे में आकर पत्नी अंजली को नर्सिंग होम में 09 जनवरी को भर्ती करा दिया।
डॉ.आर.के.रवि ने उचित चिकित्सा सुविधा की बात कह ऑपरेशन के नाम पर कुल 80000 रूपये बतौर खर्च के रूप में लिया। जबकि ऑपरेशन कर शिशु के जन्म के तत्काल बाद ही स्थिति की नाजुकता बता गहन चिकित्सा पद्धति में नवजात शिशु को एक सप्ताह तक रखने की बात बताई। इधर जच्चा की स्थिति में सुधार होता न देख 24 जनवरी को विशेष चिकित्सा सुविधा बता पूर्णियाँ रेफर कर दिया गया। जहाँ पूर्णियाँ ले जाने के दौरान जच्चा अंजली देवी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
बता दें कि मदर्स हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर नाम से संचालित नर्सिंग होम का संचालक कोई और नहीं वही डॉ. आर के रवि हैं। जिन्होंने बाबा बिशुराऊत नर्सिंग होम का संचालन अवैध रूप से करते हुए नवजात शिशु खरीद फरोख्त मामले में मधेपुरा प्रशासन के हत्थे रंगेहाथ चढ़ सलाखों के भीतर भेजे गए थे। बाबा बिशुराऊत हॉस्पिटल संचालक डॉ. रिकेंश कुमार रवि की काली करतूतें सामने आने, प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यवाही में गिरफ्तार होने की बात सामने आते ही रूपौली मदर्स हॉस्पिटल में वीरानी छा गई। मदर्स हॉस्पिटल रूपौली में कार्यरत सभी कर्मी अचानक बोरिया बिस्तर समेत रफूचक्कर हो गए थे। जो यहां के आमजन को सकते में डाल कर रख दिया था।
स्थानीय रूपौली निवासियों के मन और दिल में बस अब सिर्फ यही बातें घुम रही है कि अल्प समय में जो लूटे सो लूटे। किन्तु काफी संख्या बल में लूटने से यहाँ के आमजन बचे। किन्तु यहाँ के लोगों की सोच के इतर पुनः नर्सिंग होम का संचालन डॉ. संजीव कुमार मिश्रा के नाम का वोर्ड लगाकर बेरोकटोक जारी कर दिया गया। यहाँ अहम सवाल यह उठता है कि जब डॉ. संजीव कुमार मिश्रा सर्जन नहीं हैं तो फिर प्रसव पीड़िता का ऑपरेशन किनके द्वारा किया जा रहा है। जो एक जांच का विषय है।
मदर्स हॉस्पिटल एण्ड ट्रामा सेंटर के तरह ही प्रखंड मुख्यालय और प्रखंड क्षेत्र में और भी नर्सिंग होम का संचालन बेरोकटोक किया जा रहा है। आखिर किस पदाधिकारी के द्वारा जांच कर इस पर नकेल कसा जा सकता है। यहाँ चल रहे नर्सिंग होम में कौन कौन असली हैं और कौन कौन फर्जी हैं।इसका खुलासा कब, कैसे और किनके द्वारा संभव है यह सवाल यहाँ की जनता को सकते में डाल रखा है।