लविव इर्पिन । यूक्रेन से छिड़ी जंग के बीच रूस ने पश्चिमी देशों और अमेरिका को खुले रूप से आगाह किया है कि यदि उसके ऊपर तेल को लेकर प्रतिबंध लगाया गया तो ये अच्छा नहीं होगा। आपको बता दें कि अमेरिका ने पश्चिमी देशों से कहा है कि वो रूस को सबक सिखाने के लिए उससे आयल इंपोर्ट को बंद कर दें। अमेरिका ने इसकी वजह रूस द्वारा यूक्रेन में फंसे लोगों को वहां से निकालने के लिए हुई वार्ता में मामूली तेजी आना बताया है।
रूस की धमकी
रूस ने अमेरिका के इस बयान पर धमकी दी है कि यदि ऐसा किया गया तो वो यूरोप खासतौर पर जर्मनी को होने वाली गैस की सप्लाई को रोक देगा। आपको बता दें कि रूस ने जर्मनी और यूरोप तक अपनी गैस सप्लाई के लिए नार्ड स्ट्रीम 2 नाम से एक नई पाइपलाइन बिछाई है। इस पर रूस ने अरबों डालर का खर्च किया है। अमेरिकी दबाव के बाद जर्मनी ने इस पाइपलाइन को फिलहाल रोकने को फैसला लिया है। रूस ने अपने बयान में न सिर्फ अमेरिका को बल्कि जर्मनी को भी सीधेतौर पर धमकी दी है।
फैसला लेने का पूरा अधिकार
गौरतलब है कि यूरोप की पूरी गैस की खपत को पूरा करने में रूस की हिस्सेदारी करीब 40 फीसद है। रूस के डिप्टी पीएम एलेक्जेंडर नोवाक ने साफ कहा है कि यदि यूरोप इस तरह का कोई भी फैसला लेता है तो उनके पास भी अपना फैसला लेने को पूरा अधिकार है। रूस भी इस तरह का फैसला लेते हुए यूरोप को नार्ड स्ट्रीम 1 से होने वाली गैस की सप्लाई को रोक देगा। नोवाक ने अपने बयान में यहां तक कहा है कि यदि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस के आयल इंपोर्ट को रोकने काफैसला लिया तो क्रूड आयल के दाम 300 डालर प्रति बैरल से बढ़कर सीधे डबल हो जाएंगे।