नई दिल्ली/मास्को, । रूस और यूक्रेन संघर्ष अब एक जटिल मोड़ पर पहुंच गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता को मान्यता देकर पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। पुतिन ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। आखिर इसके पीछे पुतिन की क्या बड़ी मंशा है? ऐसा करके क्या पुतिन ने एक नए बफर जोन की स्थापना की है? अब नाटो व अमेरिका का क्या स्टैंड होगा? यूक्रेन पर पुतिन की क्या बड़ी चिंता है? पुतिन ने क्यों कहा कि यूक्रेन नाटो व अमेरिका का एक कालोनी बन चुका है? आइए जानते हैं कि इस पर विशेषज्ञों की क्या राय है।
1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता को मान्यता देना एक बड़ी कूटनीतिक योजना का हिस्सा है। पुतिन ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित करके पूरे मामले को उलझा दिया है। उन्होंने युद्ध के बजाए नाटो व अमेरिका को एक नई समस्या में डाल दिया है। इसके पीछे पुतिन की एक बड़ी मंशा है। ऐसा करके पुतिन ने एक नए बफर जोन की स्थापना की है। उन्होंने कहा दरसअल यूक्रेन में नाटो व अमेरिका का जिस तरह से दखल बढ़ रहा था, उससे पुतिन को चिंता बढ़ गई थी। पुतिन यह बार-बार कह रहे थे कि यूक्रेन नाटो व अमेरिका का एक कालोनी बन चुका है।
3- उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन को यह चिंता सता रही थी कि यूक्रेन के पास एटम बम है। पुतिन का मानना है कि यह रूस की सामरिक सुरक्षा के लिए घातक था। यही वजह है कि पुतिन ने कहा था कि हम यूक्रेन को रूस के लिए खतरा नहीं बनने देंगे। प्रो पंत ने कहा कि सीधे युद्ध के बजाए पुतिन ने लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश घोषित करके कूटनीतिक जंग को और तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नोटो सदस्य देश व अमेरिका यूक्रेन को किस तरह से मदद करता है। पुतिन के इस फैसले पर अमेरिका का क्या स्टैंड होता है।
4- पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की सेना को नाटो हेडक्वार्टर से कमांड है। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने से रूस को खतरा हो सकता है। राष्ट्रपति पुतिन ने आगे कहा कि रूस के विरोध के लिए अमेरिका ने यूक्रेन और जार्जिया का इस्तेमाल किया है। अमेरिका रूस को मजबूत नहीं देखना चाहता है। अमेरिका की राजनीति कमजोर रूस पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि रूस ने अमेरिका से नाटो में शामिल करने की इच्छा जाहिर की थी। प्रो. पंत ने कहा है कि पुतिन ऐसा कहकर दुनिया के सामने यह दिखाना चाहते हैं कि उनका फैसला रूस के सामरिक हितों के अनुरूप है।
अमेरिका ने उठाया ये कदम
रूस-यूक्रेन संकट के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक जारी है। इस बीच पुतिन के इस कदम के बाद रूस द्वारा पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों डोनेत्स्क एवं लुहांस्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने के बाद अमेरिका ने सख्त कदम उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए जिसके तहत अमेरिकी नागरिक और व्यापारी इन दो क्षेत्रों में किसी तरह का निवेश, कारोबार एवं वित्तीय सहायता नहीं कर पाएंगे। कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए बाइडन ने लिखा कि मैंने रूस को अंतरराष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन से रोकने के लिए इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। हम अगले कदमों पर यूक्रेन सहित सहयोगियों और भागीदारों के साथ लगातार परामर्श कर रहे हैं। बाइडन ने आगे कहा कि मिन्स्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं से यूक्रेन की शांति, स्थिरता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को और खतरा है। इसके अलावा रूस के इस कदम से संयुक्त राष्ट्र की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा है।