चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेलमंडल के टाटानगर, राउरकेला, झारसुगुड़ा एवं चक्रधरपुर स्टेशनों से होते हुए प्रत्येक दिन 100 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। इन स्टेशनों में यात्री रिजर्वेशन कन्फर्म करने के लिए स्टेशन में लगे प्रिंटेड चार्ट को देख कर ट्रेन में चढ़ते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में अब स्टेशन में लगने वाला रिजर्वेशन चार्ट नजर नहीं आएगा।
प्रिंटेड चार्ट की अब नहीं रही कोई उपयोगिता
रेलवे ने हर ट्रेन की आरक्षित बोगी पर रिजर्वेशन चार्ट, स्टेशन के डिस्प्ले में लगाने वाला चार्ट नहीं छापने का फैसला किया है। इस संबध में रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर पैसेंजर (मार्केटिंग) संजय मनोचा के अधिसूचना जारी कर रेलवे के 17 जोन के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर को आदेश दिया है कि आरक्षित कोच पर चार्ट चिपकाना तुरंत बंद किया जाए। यही नहीं, चार्ट की प्लेटफार्म पर भी उपयोगिता नहीं रही है।
टीटीई को दी गई है एचएचटी की सुविधा
ट्रेनों में चलने वाले टीटीई को हैंड हेल्ड टर्मिनल डिवाईस (एचएचटी) दी जाए। टीटीई को एचएचटी देने के बाद प्रिंटिंग चार्ट की उपयोगिता और नहीं रह गई है। ऐसे में जिन जगहों पर एचएचटी की सुविधा दी गई है, वहां प्रिंटेड रिजर्वेशन चार्ट का उपयोग नहीं किया जाएगा। हालांकि, जरूरत के अनुसार क्षेत्रीय रेलवे को प्रिंटिंग करवाने की भी छूट दी गई है, लेकिन रेलवे को जरूरत की समीक्षा करने के बाद ही निर्णय लेने को कहा गया है।
चार्ट नहीं छापने से बचेगा खर्च
ज्ञात हो कि इसी कन्फर्म रिजर्वेशन के प्रिंटेड चार्ट की एक काॅपी ट्रेन के कोच में ड्यूटी पर तैनात टीटीई के पास भी रहती थी, जो अब नहीं रहेगी। रेलवे का तर्क है कि चार्ट नहीं छापने से कागज तो बचेगा ही, साथ ही चार्ट तैयार करने के बाद छापने और बोगियों में चिपकाने जैसे काम पर होने वाला खर्च भी बचेगा। टीटीई के पास प्रिंटेड चार्ट की जगह एचएचटी में चार्ट डिस्प्ले रहेंगे, उन्हीं पर चार्ट डिस्प्ले रहेगा, जिसे देखा जा सकता है।
रेलवे के इस फैसले की वजह
रेलवे के नए नियम के मुताबिक, डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। रेलवे अब ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम से यात्रियों के मोबाइल पर ही टिकट, बर्थ समेत पूरी जानकारी भेज रहा है। अगर रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं है, तो उसके कन्फर्म होने का मैसेज भी आ जाता है। यह बड़ी वजह है, जिसके कारण रेलवे चार्ट बंद करने जा रहा है।
इसके अलावा, डिजिटलाइजेशन शुरू होने के बाद अब रेलवे ने सभी जोन में टीटीई को एचएचटी यानी हैंड हेल्ड टर्मिनल दिए हैं, यह टेबलेट के जैसा उपकरण है, जिसमें ट्रेन के बर्थ की पूरी जानकारी अपडेट होती रहती है। इससे रिजर्वेशन चार्ट देखकर बर्थ अलॉट करवाने पर रोक लगी है।