पटना

लगातार बारिश से उत्तर बिहार की नदियों में तेजी


बगहा में सैकड़ों घरों में घुसा पानी

पटना (आससे)। बीते 48 घंटों से नेपाल व उत्तर बिहार के जिलों में हो रही भारी बारिश से नदियों में तेजी आ गई हैं। नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण शनिवार को चंपारण व मिथिलांचल के कई गांवों में बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है। लोग एनएच व रेल ट्रैकों जैसे उंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। बगहा में गंडक का तांडव जारी है। शहर के आधा दर्जन वार्डों के दो सौ से अधिक घरों में गंडक का पानी घुस गया है। बैरिया में चम्पारण तटबंध पर गंडक का दबाव बढ़ गया है।

पूर्वी चम्पारण के आधा दर्जन प्रखंडों की 70 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मोतिहारी- शिवहर का सडक़ संपर्क लगातार दूसरे दिन भंग है। सुगौली शहरी इलाके में सिकरहना (बूढ़ी गंडक) का पानी पहुंच गया है। शिवहर- सीतामढ़ी एनएच 104 पर भी कई जगह बाढ़ का पानी चढ़ गया है। दरभंगा के हायाघाट प्रखंड का जिला मुख्यालय से सडक़ संपर्क भंग हो गया है। मधुबनी के मधेपुर में 25 हजार की आबादी बाढ़ से घिर गई है। उधर, समस्तीपुर में गंगा नदी का जलस्तर पिछले 18 घंटे में 5 सेंटीमीटर बढ़ा है।

जिले में गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती में उफान से औराई, कटरा के साथ-साथ गायघाट प्रखंड में फिर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। दो दर्जन पंचायतों के निचले इलाके में पानी फैल रहा है। बूढ़ी गंडक का दबाव शहर से सटे आधा दर्जन मोहल्लों पर बना हुआ है। दूसरी तरफ सकरा में कदाने और नून नदी के पानी में तेज वृद्धि तेजी से दर्जनाधिक पंचायतों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बेरुआ,बरियारपुर, गौरिहार, राजापाकड़, कटेसर, बाजी आदि पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क कट गया है। प्रमुख सडक़ों पर तीन फुट तक पानी बह रहा है। लगातार बारिश को देखते हुए गंडक व बागमती तटबंध पर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से गंडक नदी का पानी शहर के कैलाश नगर सहित करीब आधा दर्जन वार्डों में प्रवेश कर गया है। आधा दर्जन वार्डों के 200 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुसने से आम जनजीवन प्रभावित है। कई परिवार रेलवे ट्रैक के किनारे टेंट में शरण लिए हैं। वहीं गंडक का पानी पीपरासी प्रखंड की सेमरा लबेदहा पंचायत के कई गांव में प्रवेश कर गया है। सडक़ पर तीन फीट पानी बह रहा है।

पूर्वी चंपारण के छह प्रखंडों अरेराज, संग्रामपुर, बंजरिया, पताही, केसरिया व सुगौली में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से करीब 70 हजार की आबादी प्रभावित है। संग्रामपुर की पुछरिया पंचायत के तीन गांव तो अरेराज के एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। पताही में मोतिहारी-शिवहर पथ पर आवागमन ठप है। डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। चटिया में भी गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी है। सिकरहना नदी में उफान से सुगौली की सात पंचायते बाढ़ से घिर गई हैं। फिलहाल यहां लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। सुगौली नगर पंचायत के वार्ड-01 का नायक टोला बाढ़ से घिर गया है।

शनिवार को कमला-बलान, बागमती एवं अधवारा समूह की नदियों में उफान के कारण हायाघाट प्रखंड मुख्यालय जाने वाली हायाघाट-अशोक पेपर मिल मुख्य सडक़ पानी में डूब गई। प्रखंड का जिला मुख्यालय से सडक़ संपर्क भंग हो गया। हायाघाट प्रखंड के बिलासपुर-नयाटोला और अकराहा गांव की सडक़ पर भी पानी बह रहा है। प्रखंड के सराय हामिद, सिरनिया ढाब टोला एवं घरारी गांव चारों ओर बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। विस्थापित परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। उधर, घनश्यामपुर प्रखंड में कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।

जिले में तीन दिनों की बारिश में कोसी, कमला व भुतही बलान नदी उफना गयी है। मधेपुर के दियारा क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैल गया है। प्रखंड क्षेत्र की करीब 25 हजार की आबादी बाढ़ से घिरी है। कोसी व कमला तटबंध के अंदर कई गांवों में आवागमन का साधन नाव बन गया है। इधर, झंझारपुर में कमला-बलान नदी का जलस्तर लाल निशान से लगभग 3.20 मीटर ऊपर है। हालांकि जयनगर में पानी कम हो रहा है। इधर, मधवापुर में अंदौली में दो महीने में तीसरी बार नदी का बांध टूट गया है। वहीं बरसाती नदी गेहुमां की जलस्तर में भी धीरे-धीरे हो रही वृद्धि। कोसी बराज से शनिवार सुबह 8 बजे पानी का डिस्चार्ज 2 लाख, 17 हजार, 235 क्यूसेक पानी छोड़ गया है।

बागमती की पानी से दरियापुर-मौलानगर सडक़ टूट गई है। बाढ़ का पानी डुमरा, नुनौरा, दरियापुर, मौलानगर, मारर, सोली, ओलीपुर आदि गांव में प्रवेश कर गया है। एनएच 104 के सुरसंड-सीतामढ़ी पथ पर कुम्मा और कोला पुल के पास बागमती का पानी चढऩे से आवागमन ठप है। बाढ़ का पानी पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, इनरवा महुआवा आदि गांवों में फैल गया है।