नई दिल्ली। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के कई शहरों में अबोहवा बेहद प्रदूषित है। ठंड के मौसम में वायु गुणवत्ता बेहद खराब जाती है। खेतों में धान की पराली जलाने की वजह से भी हवा की सेहत पर असर पड़ा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास धुंध की चादर लपटी है। वायु प्रदेश का असर लोगों की सेहत पर पड़ता है। एक अध्ययन के मुताबिक दूषित हवा की वजह से लोगों की जीवन प्रत्याशा पांच से अधिक घट सकती है। चीन की राजधानी बीजिंग में एक्यूआई 300 के आसपास पहुंच चुका है।
भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के कई शहरों में अबोहवा बेहद प्रदूषित है। ठंड के मौसम में वायु गुणवत्ता बेहद खराब जाती है। खेतों में धान की पराली जलाने की वजह से भी हवा की सेहत पर असर पड़ा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास धुंध की चादर लपटी है। वायु प्रदेश का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ने लगा है।
भारत में कैसी है आबोहवा?
बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 299 दर्ज किया गया। एक्यूएअर के मुताबिक बुधवार को नई दिल्ली दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है। इसमें कहा गया कि दीवाली में पटाखों का इस्तेमाल, पराली जलाने की घटनाएं और वाहनों व उद्योग से होने वाले उत्सर्जन की वजह से वायु गुणवत्ता खराब हुई है। इस बीच गुरुग्राम में कृत्रिम वर्षा तक करानी पड़ी।
शुक्रवार को मुंबई में एयर क्वालिटी 152 दर्ज की गई है। एक नवंबर को बेंगलुरु के हेब्बल में एक्यूआई 263 दर्ज किया गया। सिटी ब्यूटीफुल के नाम से दुनिया में विख्यात चंडीगढ़ में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच चुका है। उत्तर भारत के अधिकांश शहर इन दिनों दूषित हवा की चपेट में हैं।