नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अब कुछ माह ही शेष बचे हैं। चुनाव को लेकर एक तरफ जहां सत्ताधारी दल भाजपा ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है, तो वहीं विपक्षी खेमा (INDI Alliance) अभी तक आपसी मतभेद दूर नहीं कर पाया है।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ के दलों में अभी तक सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाई है। इसके चलते कई साथी पार्टियां दूरी बनाती दिख रही हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार तो गठबंधन छोड़ एनडीए का हिस्सा बन गए हैं। वहीं, ममता ने भी अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है। इसके चलते गठबंधन अब बिखरता दिखाई पड़ रहा है।
अब महाराष्ट्र में टूट की कगार पर गठबंधन
बिहार और बंगाल के बाद महाराष्ट्र में भी इंडी गठबंधन को लेकर खतरे की घंटी बज रही है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अभी बात नहीं बन पाई है। शिवसेना महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों में से 23 सीटों की मांग कर रही है, जिसे कांग्रेस ने नकार दिया है।
वहीं, हाल ही में एमवीए (महाविकास अघाड़ी) के साथ जुड़े प्रकाश आंबेडकर ने तो यहां तक कह दिया कि अब महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन नहीं बचा है।
बंगाल में ममता ने अकेले लड़ने की कही बात
पश्चिम बंगाल में भी इंडी गठबंधन की पार्टियों के सुर नहीं मिल रहे हैं। सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को ममता बनर्जी ने बड़ा झटका देते हुए कहा है कि टीएमसी बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेगी। ममता ने इसके लिए बंगाल में लेफ्ट से हाथ न मिलाने के उनके वादे की याद दिलाई है।
यूपी और पंजाब में अटका मामला
यूपी में अखिलेश यादव की पार्टी सपा की भी कांग्रेस से सीट शेयरिंग को लेकर बात बनती नहीं दिख रही है। सपा ने तो कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का भी एलान कर दिया है।
दूसरी ओर, पंजाब में भी AAP और कांग्रेस में दाल गलती नहीं दिख रही है। कांग्रसे के स्थानीय नेता केजरीवाल की पार्टी से हाथ नहीं मिलाना चाह रहे हैं, तो वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी पंजाब में ‘आप’ के अकेले चुनाव लड़ने के बाद कही है।
इन सब घटनाक्रमों के चतले लोकसभा चुनाव से पहले ही इंडी गठबंधन के बिखरने की आशंका दिख रही है।